राजनीति में जाने का कोई विचार नहीं: कासनी

3/1/2018 11:17:53 AM

चंडीगढ़(धरणी): 34 साल प्रशासनिक सेवा में विभिन्न पदों पर कार्य करने के बाद सेवानिवृत्त हुए आई.ए.एस. प्रदीप कासनी जिन्हें 70 तबादलों का शिकार विभिन्न सरकारों में होना पड़ा, ने खास बातचीत में कहा कि हरियाणा में कम ही राजनेताओं में लोक कल्याण की परम्परा रही है। राजनीति की बहुत बड़ी परिभाषा होती है। उनका राजनीतिक पार्टी में जाने का कोई विचार नहीं है। समाज में हैं, समाज में रहेंगे तथा समाज को आगे बढ़ाने के लिए बात करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अनिल विज का कोई सानी 34 साल में नहीं मिला। विज का न्यौता अपनी जगह है।

अंतिम 6 माह में अंतिम पोस्टिंग न गाड़ी, न ऑफिस, न मकान पर कासनी ने कहा कि अशोक खेमका के संदर्भ में यह मामला बना हुआ था। बार-बार के तबादलों का उस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की दुहाई दी जाती थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश बनाए थे कि आई.ए.एस. अधिकारी के तबादले 2 साल के बाद किए जाएं और हर एक राज्य में सिविल सर्विस बोर्ड बनेंगे। 22 अगस्त को तबादला किया गया था और न ही कोई लैंड यूज नाम का विभाग था। 

उन्होंने आर.टी.आई. के माध्यम से सरकार से यह जानकारी मांगी। आर.टी.आई. में सरकार ने कहा कि यह विभाग अस्तित्व में नहीं है। कासनी ने कहा कि तबादलों की मार से परेशानी होती है। बच्चे भी परेशान होते हैं। व्यक्तिगत रूप से उन्होंने कभी परेशानी महसूस नहीं की है। कासनी ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी उस वक्त सबसे पहले अनिल विज, अभय चौटाला तथा अन्य तमाम लोग उनके पक्ष में आए थे। उन्होंने कहा कि अब समय दोस्तों से मिलने का है, लोगों के बीच जाने का, गांव व मोहल्ले में जाने का और अपनी पुरानी जिंदगी के सूत्रों को जोडऩे का है।