सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने कसी कमर

3/17/2019 3:26:16 PM

कुरुक्षेत्र(धमीजा): सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार करने की कवायद आरंभ कर दी है। स्कूलों के आसपास, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में पोस्टर व बैनर लगाने के अलावा प्रसार के अन्य साधन अपनाए जा रहे हैं। स्कूलों में 31 मार्च को परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे। 1 से 15 अप्रैल तक प्रवेश प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। डी.ई.ओ. ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को आदेश जारी किए कि वे अधिक से अधिक बच्चों को प्रवेश दिलवाने में भूमिका निभाएं।

शिक्षा विभाग ने प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रति स्कूल 1,000 रुपए निर्धारित किए हैं। सभी स्कूल सरकारी नियमानुसार इस राशि का प्रयोग करेंगे। अधिकारी स्कूलों में जाकर औचक निरीक्षण करेंगे जिसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी। शिक्षा विभाग द्वारा चलाई जा रही योजना, छात्रवृत्ति सुविधाओं व समग्र की जानकारी भी अभिभावकों को दी जाएगी। स्कूल मैनेजिंग कमेटी का गठन 25 को : दाखिला प्रक्रिया आरंभ होने से पहले सरकारी स्कूलों में मैनेजिंग कमेटियां (एस.एम.सी.) का गठन 25 मार्च को किया जाएगा। यह कमेटियां सरकारी स्कूलों में समय-समय पर उत्सव भी करवाएंगी। कमेटियों के गठन को लेकर प्रक्रिया आरंभ कर दी है।

सरकारी स्कूलों के लिए मुकाबला होगा चुनौतीपूर्ण
प्राइवेट स्कूलों का मुकाबला करने के लिए सरकारी स्कूलों को कड़ी मशक्कत का सामना करना होगा। अभिभावक रमन, विक्रम, सविता, राज रानी का कहना है कि सरकारी स्कूल में सुविधाओं का अभाव रहता है। सरकारी स्कूलों के भवन, फर्नीचर व अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी रहती है। लैब व कम्प्यूटर खस्ता हालत में हैं। परीक्षा परिणाम भी प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले अच्छे नहीं रहते।

सरकारी स्कूलों में 80,000 बच्चे कर रहे शिक्षा ग्रहण
जिले के सरकारी स्कूलों में इस समय पहली से 8वीं कक्षा तक 56,000 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि 9वीं से 12वीं कक्षा तक 24,000 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। जिले में 489 प्राइमरी, 283 मिडल, 119 हाई व सैकेंडरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में नए बच्चों को दाखिला दिलवाने के लिए स्कूल पिं्रसीपल, शिक्षकों, सरपंचों, पार्षदों व स्कूल मैनेजिंग कमेटी के सदस्यों को एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा।

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