मारकंडा नदी में जलस्तर हुआ कम, ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या बरकरार

8/24/2019 1:48:22 PM

शाहाबाद मारकंडा: मारकंडा नदी में पिछले 10 वर्ष में सबसे ज्यादा 42000 क्यूसिक पानी आने से उत्पन्न भयावह स्थिति व मचे हड़कम्प से अब पूरे तौर पर स्थिति नियंत्रण में है व सामान्य है। एस.डी.एम. व क्षेत्र के सर्वाेच्च प्रशासनिक अधिकारी राजीव प्रसाद ने बताया कि अब पानी मात्र 4000 क्यूसिक रह गया है जो सामान्य की स्थिति है। खतरा 20 हजार क्यूसिक पानी आने से और वाॄनग का स्तर 15 हजार क्यूसिक पानी होता है। इस प्रकार पानी अब वाॄनग से 11 हजार क्यूसिक कम है। नुक्सान का रेवैन्यू व पंचायत विभागीय अधिकारी जायजा ले रहे हैं और वह शीघ्र उन्हें अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे जिस रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन पीड़ित व्यक्तियों की हर संभव सहायता करेगा।

उन्होंने बताया कि ऐसे क्षेत्र भी रहे जहां 4-4 फुट पानी भी जमा हो गया था जो जो घटकर डेढ़ फुट रह गया है और यह स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगा। अगर फिर भी 2-3 दिन में यहां पानी निकासी की समस्या बनी पाई गई तो प्रशासन अपने स्तर पर जल निकासी के उपाय करेगा। एस.डी.एम. ने दोहराया कि रिकार्ड 42 हजार क्यूसिक पानी आने के बावजूद पूरे क्षेत्र से पशुधन के मरने, बहने या फिर किसी जान माल के नुक्सान की कोई सूचना या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

 बाढ़ प्रभावित गांवों झरौली खुर्द, तंगौर, कठवा, मुगलमाजरा, कलसाना आदि में सुरक्षात्मक उपाय करते हुए स्कूल बंद करवा दिए थे और सोमवार को इन स्कूलों व इनके इर्द-गिर्द बनी स्थिति का जायजा लेकर स्कूल खुलवाने का निर्णय लिया जाएगा तब तक स्कूल पूर्ववत: बंद रहेंगे। प्रशासन ने अपने स्तर पर पीड़ित बस्तियों में फूड पैकेट व पेयजल पहुंचाया। यहां कार्यरत ट्रस्ट मी युवाओं की संस्था राधे वर्मा के नेतृत्व में भोजन, चाय आदि का प्रबंध करती रही। इनमें गगन कवात्रा, अरमान सेठी, अनमोल वर्मा, वैभव गुप्ता, राजू मानिक, संजीव सिंगला आदि युवा शामिल हैं जो सराहनीय है।

Isha