रोहतक मिल में किसानों की सुविधा के लिए एप, जान सकते हैं गन्ने की स्थिति

12/23/2017 12:45:06 PM

रोहतक(ब्यूरो):दि हरियाणा सहकारी चीनी मिल भाली आनन्दपुर रोहतक चालू सीजन 2017-18 में आए दिन नए-नए कीर्तिमान स्थापित करता जा रहा है। 35 हजार क्विंटल पिराई की क्षमता रखने वाला यह मिल गत सप्ताह से लगातार 40 हजार क्विटल प्रतिदिन की पिराई कर पिछले वर्षों की अपेक्षा 10 हजार अतिरिक्त गन्ने की पिराई 176 जूस टैंक के आसपास कर राज्य में सबसे अधिक पिराई कर रहा है। अच्छी रिकवरी के साथ प्रतिदिन 8000 कट्टों अथवा 4000 क्विटल का उत्पादन कर लिया है। 

पिछले वर्षों की अपेक्षा इस सीजन में चीनी की गुणवत्ता रंग व साइज में आश्चर्यजनक सुधार है। गत सीजन में इन दिनों रिकवरी 8.35 थी मगर इस वर्ष रिकवरी 10.10 से ऊपर चल रही है। गत पिराई सीजनों की अपेक्षा मिल ने पहली बार पिराई सत्र लगभग 2 माह पूर्व चलाकर किसानों को 2-2 फसलों का लाभ दिया है। पिराई का कार्य जल्द होने के कारण किसानों ने अपने खाली हुए खेतों में गेहूं की फसल की समय पर बिजाई कर दोहरा लाभ प्राप्त किया है। इन सभी मिल रहे शानदार परिणामों का श्रेय गन्ना उत्पादक एवं मिल कर्मी अपने युवा प्रबंध निदेशक प्रदीप अहलावत एच.सी.एस. को दे रहे हैं, जो कि इस कड़क सर्दी की मौसम में भी दिन-रात मिल में खड़े रहते हैं। पूरे राज्य का यह ऐसा पहला मिल है, जिसने इस सीजन में सभी इंडैंट पर्ची से न करके डिजीटल का इस्तेमाल कर गन्ना एस.एम.एस. के माध्यम से मंगवा रहा है। एस.एम.एस. मिल में किसानों के पंजीकृत नम्बर पर पहुंंचता है। 

उसी के हिसाब से वे अपना गन्ना मिल में लेकर आते हैं। इससे किसानों को भारी सुविधा प्राप्त हुई है। एस.एम.एस. प्रणाली के कारण पर्ची की अदला-बदली व गुम होने की संभावनाओं से निजात मिली है व युवा किसानों एवं स्मार्ट फोन रखने वालों के लिए शूगर एप बनाया गया है। जिसे प्ले स्टोर में डाऊनलोड किया जा सकता है। इसकी सहायता से कोई भी किसान किसी भी स्थान से किसी भी समय अपने टोकन की, पर्ची के भुगतान एवं गन्ना भीड़ की नवीनतम स्थिति आदि का पता लगा सकता है। इस शूगर ई.आर.पी. एप की सुविधा को सभी किसानों द्वारा सराहा जा रहा है। इसके लिए मिल ने आई.डी. कोड यार्ड-123 भी सार्वजनिक किया है ताकि घर पर बैठे किसान सारी स्थिति का पता कर सकें। क्योंकि दूर-दूर से रोहतक जिले के साथ-साथ भिवानी, दादरी, झज्जर और सोनीपत जिले के अनेकों गांवों के किसान इस मिल को गन्ना सप्लाई करते हैं। 

मिल के प्रबंध निदेशक प्रदीप अहलावत के अनुसार बीते वर्षों में गन्ने का भुगतान काफी देरी से होता रहा है लेकिन इस सीजन में पिछले अक्तूबर व नवम्बर माह के गन्ने का भुगतान कर दिया गया है। इसके अलावा मिल ने अब तक अपनी स्वयं की एक करोड़ 35 लाख 50 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन कर 4 रुपए 5 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से उत्तर हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम को 77 लाख 63 हजार 400 यूनिट बिजली बेचकर मिल की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। अब तक मिल ने 15 लाख 14 हजार 500 क्विंटल गन्ने की पिराई कर 1 लाख 27 हजार से कहीं अधिक चीनी का उत्पादन कर लिया है। गन्ना प्रबंधक धर्मपाल श्योराण के नेतृत्व में गन्ना विभाग का जांच दल गन्ने की गुणवत्ता किस्म आदि के सुधार के लिए कैन यार्ड में जुटा रहता है।