चिंतन शिविर में सरकार ने किया पानी की बचत पर मंथन, विशेषज्ञों ने दिए सुझाव

12/17/2017 1:38:04 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):हिमाचल के टिंबर ट्रेल की ऊंची चोटी पर हरियाणा के भविष्य का रोडमैप तैयार करने में जुटी खट्टर सरकार ने चिंतन शिविर में पानी की बचत पर मंथन किया। किस तरह से तालाबों की दुर्दशा को सुधारा जाए, इस पर विशेषज्ञों ने अपने-अपने सुझाव दिए। तय किया गया कि हरियाणा के सभी तालाबों की सफाई करवाई जाएगी, ताकि कुदरती पानी का संरक्षण कर उसकी बचत की जा सके। इसके अलावा, जलघरों के ऊपर सोलर सिस्टम स्थापित कर पानी के वाष्पीकरण को रोका जाएगा। इससे ऊर्जा के स्रोतों को भी बढ़ाया जाएगा। सत्र लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह की अध्यक्षता में हुआ। 

नरबीर ने कहा कि पानी की बचत के लिए लीकेज और सीपेज को रोककर कैरियर चैनलों को दुरुस्त किया जाए, ताकि पानी की पूरी बचत हो सके। इसी प्रकार, एस.टी.पी. को स्थापित कर उसके पानी को रिसाइकल किया जाए। वाटर हारवेसिंटिंग को पूरी व सही तरीके से स्थापित करके कुदरती पानी को बचाया जा सकता है। नरबीर ने कहा कि राज्य में सबसे ज्यादा पानी का उपयोग कृषि क्षेत्र में होता हैं। किसानों को फसलों में पानी के उपयोग के बारे में जानकारी देनी होगी। इस अवसर पर हरियाणा के जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि हमें जो पानी मिल रहा है उसका पूरा संरक्षण होना चाहिए।

32.76 प्रतिशत एम.ए.एफ. पानी की आवश्यकता
सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि हरियाणा राज्य को 32.76 प्रतिशत एम.ए.एफ. पानी की आवश्यकता है जबकि राज्य को 9.45 एम.ए.एफ. पानी कैनाल से और 11.28 एम.ए.एफ. ग्राऊंड से पानी मिल रहा है अर्थात हमें 20.73 एम.ए.एफ. पानी की उपलब्ध हो रहा है। वहीं दूसरी ओर हरियाणा के 117 ब्लॉकों में से 64 ब्लॉक पानी का अति दोहन करने में शामिल हैं। सत्र में कृषि के बारे में भी चर्चा की गई। जिसमें फसलों के विविधीकरण पर जाना होगा और कम पानी के उपयोग वाली फसलों को अपनाना होगा।