प्रदूषण बम की मार झेल रही साइबर सिटी

punjabkesari.in Wednesday, Nov 08, 2017 - 01:39 PM (IST)

गुडग़ांव:आधुनिकता की अंधी दौड़ में शामिल शहर अब लोगों को अंधा बनाने पर तुला हुआ है। प्रदूषण विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ो पर गौर करें तो गुडग़ांव का प्रदूषण स्तर शाम 5 बजे 305 के स्तर को पार कर गया जिसका सीधा अर्थ है कि यहां की हवा बारूदी हो चुकी है। जबकि गत दिनों केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़े सर्वाधिक प्रदूषित कहे जाने वाले हैं। वहीं फरीदाबाद की रैकिंग करीब 20 पायदान नीचे हैं। प्रदूषण और वायु गुणवत्ता को लेकर एनसीआर में शामिल गुडग़ांव राजधानी दिल्ली के कुछ स्थानों से कहीं आगे तो कहीं पीछे दिनभर बना रहा है। 

हांलाकि गाजियाबाद और बल्लभगढ़ प्रदूषण मामले में गुडग़ांव को पीछे छोड़ गया है। दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में प्रदूषण का राक्षस अपना पांव पसारता जा रहा है। गुडग़ांव में सुबह से ही सड़कों पर सफेद कोहरा छाया रहा जो पूरा दिन बना हुआ था। जानकारों का कहना है कि यह कोहरा नहीं बल्कि खतरनाक गैसों का जमाव है। पूरा दिन सड़कों पर चलने पर आंखों में जलन की शिकायत लोगों को होती रही। तापमान में गिरावट के साथ प्रदूषण स्तर के अभी और बढऩे की संभावना है। 

वायु गुणवत्ता इंडेक्स 
0-50-  अच्छी - कोई नुकसान नहीं ।
51-100- साधारण- सिर्फ अस्थमा मरीजों को दिक्कत हो सकती है।
101-150-अस्वास्थ्यकर - कुछ विशेष प्रकार के एलर्जिक समूहों के लिए नुसानदेह।
151-200-खराब-सभी तरह के लोगों को दिक्कतें हो सकती हैं। 
201-300- खतरनाक- आपातकालीन अवस्था, गंभीर स्वास्थ्य संकटकालीन वातावरण। 

कौन-कौन सी हो सकती है तकलीफें
पीएम 10 यूएम एक तरह से प्रतिघन मीटर में धूल कणों की साईज है। जो प्रदूषण स्तर में इजाफा होने से सांस के रास्ते गले, फेफड़े और हमारे रक्तवाहिनियों तक पहुंच जाते हैं। प्रदूषण के सघन स्तर पर वायु में छोटे कण हमारे सांसों से शरीर के अंदर जाते हैं जिससे एलर्जी, कफ, नौसिया, आंख, नाक और गले में समस्या, अस्थमा, ब्रोकाइंटिस यहां तक कि फेफड़़े का कैंसर आदि तक परेशानियां हो सकती हैैं।

गत एक सप्ताह में वायु स्तर
7 नवम्बर    305
6 नवम्बर    294
5 नवम्बर    299
4 नवम्बर    292
3 नवम्बर    241
2 नवम्बर    215
1 नवम्बर    230


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