12 घंटे स्ट्रेचर पर खुले में पड़ा रहा शव

12/7/2017 11:35:31 AM

कुरुक्षेत्र(वालिया):प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं। आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए वचनबद्ध बताते हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के दावे धरातल पर नजर नहीं आते। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एल.एन.जे.पी. अस्पताल में 2 बड़ी घटनाएं सामने आईं। एक शव 12 घंटे स्ट्रेचर पर खुले में पड़ा रहा जिसको लेकर सिविल सर्जन को भी नहीं पता था। दूसरा मामला आपातकालीन विभाग के एक कमरे में डाक्टर की जगह वार्ड ब्वाय एक घायल व्यक्ति को देख रहा था जिसके सिर पर टांके लगे थे। अस्पताल में खड़े लोगों ने बताया कि काफी देर से आपातकालीन विभाग में कोई चिकित्सक नहीं है और एक वार्ड ब्वाय घायल व्यक्ति की पट्टी कर रहा है। मामला जब सिविल सर्जन के संज्ञान में आया तो उन्होंने आपातकालीन विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजा जोकि मौका देखकर वापस आ गए। 

आम आदमी की जिंदगी कितनी सस्ती है, इसका प्रत्यक्ष नजारा सरकारी अस्पताल में देखने को मिला। बड़े से लेकर छोटे अधिकारी सबके संज्ञान में ये बात आई लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर से किसी ने यह पूछने की जहमत नहीं उठाई कि आखिर ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर ने पीड़ित व्यक्ति का इलाज क्यों नहीं किया। इस बारे में आपातकालीन विभाग में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बड़ी सरलता से स्वीकार किया कि कुछ टांके घायल व्यक्ति को उन्होंने लगाए और कुछ टांके अन्य स्टाफ ने। उन्होंने कहा कि उन्हें हिदायत है कि पैरामैडीकल स्टाफ को भी प्रशिक्षित किया जाए जिसकी कड़ी में उन्होंने वार्ड ब्वाय से टांके लगवाए। उन्होंने तर्क दिया कि अगर अस्पताल में एक साथ 4-5 घायल आ जाएं तो अकेला चिकित्सक क्या करेगा। सिविल सर्जन ने माना कि अस्पताल में शव रखने के लिए फ्रीजर की व्यवस्था है लेकिन शव 12 घंटे से बाहर रखा है। इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।