कुपोषित बच्चों के लिए बड़ी योजना, सिविल अस्पताल में एन.आर.सी. सैंटर शुरू

12/17/2017 12:02:28 PM

जींद(ब्यूरो):किन्हीं भी कारणों से कुपोषित बच्चों को कुपोषण से उबारने के लिए संतुलित डाइट की जिम्मेदारी अब उनके माता-पिता की बजाय स्वास्थ्य विभाग उठाएगा। ऐसे कुपोषित बच्चों के लिए जींद के सिविल अस्पताल में एन.आर.सी. सैंटर शुरू किया गया है। एन.आर.सी. सैंटर में कुपोषित बच्चों को दाखिल किया जाएगा। यहां उन्हें संतुलित डाइट मिलेगी। साथ ही डाइटिशियन और शिशु रोग विशेषज्ञ उन पर नजर रखेंगे। एन.आर.सी. सैंटर में दाखिल होने वाले ऐसे कुपोषित बच्चों के साथ उनके माता-पिता में से जो भी उनके साथ रहेगा, उसे हर दिन की दिहाड़ी के रूप में कुछ पैसे भी मिलेंगे। 

कुपोषित बच्चे वह होते हैं, जिन्हें पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता। ऐसे बच्चों का सही शारीरिक विकास नहीं हो पाता और वह अपने हम उम्र दूसरे बच्चों से काफी कमजोर होते हैं। इनमें ज्यादातर गरीब वर्ग के बच्चे होते हैं, जिनके माता-पिता उन्हें पौष्टिक आहार नहीं दे पाते। गर्भ में भी ऐसे बच्चों की मां को संतुलित खुराक नहीं मिल पाती और इस तरह के बच्चे कुपोषित बच्चों की कैटेगरी में आते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार लगभग 10 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे कुपोषित की कैटेगरी में आते हैं और इस तरह के बच्चों को अगर समय पर संतुलित और पौष्टिक डाइट मिल जाए तो वह कुपोषण से बाहर निकल जाते हैं और आगे चलकर उन्हें किसी तरह की शारीरिक और मानसिक कमजोरी का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे बच्चों के लिए ही जींद के सिविल अस्पताल में एन.आर.सी. सैंटर शुरू किया गया है। 

सिविल अस्पताल के प्रसूति वार्ड में बनेगा एन.आर.सी. सैंटर
सिविल अस्पताल के प्रसूति वार्ड के पुराने आपे्रशन थियेटर (ओ.टी.) में कुपोषित बच्चों के लिए एन.आर.सी. सैंटर बनेगा। इसमें कुपोषित बच्चों को दाखिल किया जाएगा। ऐसे कुपोषित बच्चों के साथ उनके माता-पिता में से कोई एक देख-रेख के लिए रहेगा। अस्पताल के डाइटिशियन ऐसे बच्चों को पौष्टिक खुराक बताएंगे और यह पौष्टिक भोजन एन.आर.सी. सैंटर में ही बनाकर कुपोषित बच्चों को दिया जाएगा। इसके लिए एन.आर.सी. सैंटर में एक कुक की नियुक्ति की गई है। सिविल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ कुपोषित बच्चों की नियमित रूप से जांच करेंगे। 

ऐसे बच्चों के साथ उनके माता या पिता में से जो भी रहेगा, उसे हर रोज 100 रुपए दिहाड़ी के रूप में मिलेंगे। इसे विभाग ने वेज कम्पैनसेशन स्कीम का नाम दिया है। यह पैसा इसलिए दिया जाएगा, ताकि कुपोषित बच्चे के साथ रहने वाले उसके माता या पिता को यह नहीं लगे कि वह बच्चे के साथ रह रहा है तो उसे दिन भर की दिहाड़ी से हाथ धोना पड़ रहा है। योजना के नोडल अधिकारी डा. नवनीत के अनुसार कुपोषित बच्चों के लिए इस पोषण पुनर्वास केंद्र (एन.आर.सी.) को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है। इसमें कुपोषित बच्चों के लिए हर तरह की सुविधा होगी। उन्हें पौष्टिक आहार स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दिया जाएगा। इसका सारा खर्च सरकार वहन करेगी।