NHM की पिछले 2 साल की सभी नई भर्तियों के रद्द होने का खतरा

12/11/2017 11:48:09 AM

कैथल(सुखविंद्र):31 मार्च 2016 के बाद से एन.एच.एम. हरियाणा से हटाए हुए कर्मचारियों की याचिका की सुनवाई करते हुए, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ मिशन डायरैक्टर एन.एच.एम. पंचकूला से पिछले 2 साल में हुई सभी जिलों की नई भर्तियों के दस्तावेज प्लेस ओन रिकॉर्ड करने के आदेश दिए हैं। कैथल के मुख्य याचिका करता डा. विनय गुप्ता ने बताया की हाईकोर्ट में चल रहे एन.एच.एम. हरियाणा से हटाए हुए बैंच मैटर के केस में मिशन डायरैक्टर ने यह हलफनामा दिया हुआ है कि जब तक की एन.एच.एम. हरियाणा की खाली पड़ी हुई पोस्ट्स, जिनके लिए जरुरी शैक्षणिक योग्यता हटाए गए कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता से मेल खाती है, उन पर उन्हें एडजस्ट नहीं किया जाता, तब तक पूरे हरियाणा में वे ऐसी किसी पोस्ट पर भर्ती के लिए इश्तिहार जारी नहीं करेंगे। 

दूसरा 5 जुलाई 2017 के आदेशानुसार कोर्ट ने उन सभी पोस्टों पर भर्तियों पर भी रोक लगा दी थी जिनसे ये कर्मचारी हटे हुए थे। उदाहरण के तौर पर यदि एन.एच.एम. से हटी हुई ए.एन.एम. का केस हाईकोर्ट में चल रहा है, तो पूरे प्रदेश में एन.एच.एम. के अन्तर्गत ए.एन.एम. की पोस्ट पर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती। मगर मिशन डायरैक्टर ने अपने हलफनामे और कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए उन पोस्ट्स पर भी विज्ञापन जारी कर दिए, जिन पर हटे हुए कर्मचारी एडजेस्ट हो सकते थे और वो पोस्ट भी भरनी शुरू कर दी, जिन पोस्ट्स से कर्मचारी हटाए हुए थे। कई जिलों में तो पोस्टों के नाम बदल कर या शैक्षणिक योग्यताओं में फेरबदल करके पोस्ट्स के विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं।

उदाहरण के तौर पर 31 मार्च 2016 को डैंटल सर्जन की पोस्ट से हटा दिया और नई पोस्ट फ्लोरोसिस कंसलटैंट के नाम क्रिएट करके किसी और बी.डी. एसडैंटल सर्जन को उस पोस्ट पर नियुक्ति कर दी और कई जिलों में भर्तियां अब भी बदस्तूर जारी हैं, जिसका संज्ञान हाईकोर्ट ने लेते हुए 22 दिसम्बर 2017 तक मिशन डायरैक्टर को पिछले 2 साल के सभी भर्तियों के रिकॉर्ड कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश दिए। उन पोस्ट्स का भी ब्यौरा मांगा गया है, जिनका नाम बदलकर या शैक्षणिक योग्यता बदलकर भर्ती के इश्तिहार जारी किए गए और नियुक्तियां की गई। साथ ही अपने 5 जुलाई के एन.एच.एम. हरियाणा में नई भर्तियों पर रोक के आदेशों को भी जारी रखा है।

ज्ञानचंद गुप्ता वकील ने बताया की यदि इस तथ्य में जरा भी सच्चाई हुई तो इन सभी हो चुकी भर्तियों और वर्तमान में जारी भर्ती प्रक्रियाओं पर रद्द होने का खतरा मंडरा जाएगा, क्योंकि ये स्थापित नियम हैं की एक कच्चे कर्मचारी को निकालकर दूसरे कच्चे कर्मचारी को भर्ती करना पूर्णत: गैर कानूनी है। मिशन डायरैक्टर को तुरंत सभी सिविल सर्जनों को जिलों में जारी भर्ती प्रक्रियाओं को रोक कर जांच करनी चाहिए।