मारपीट व बंधक बनाकर पशु चुराने वाला अंतर्राज्यीय गिरोह काबू

11/6/2017 4:30:17 PM

यमुनानगर(सतीश):मारपीट कर बंधक बनाकर दुधारू पशु चोरी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह को सी.आई.ए.-2 ने पकड़ा है। इस गिरोह में कुल 5 आरोपी हैं। 4 पकड़ लिए गए हैं, एक को पकडऩे के लिए दबिश दी जा रही है। पकड़े गए 4 आरोपियों में से 2 मास्टर माइंड हैं। ये दिन में पहले रेकी करते थे और रात में चोरी को अंजाम देते थे। जिले में इस तरह का गैंग पहली बार पकड़ा गया है।चारों आरोपी 2 दिन के पुलिस रिमांड पर हैं। प्राथमिक पूछताछ में इनसे जठलाना, साढौरा व बिलासपुर थाना की 3 वारदातें सुलझी हैं।

रिमांड के दौरान वारदात और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है। इनसे करनाल, कुरुक्षेत्र, अम्बाला के अलावा अन्य जिलों की वारदात भी खुल सकती है। स्टाफ के सब-इंस्पैक्टर मोहन लाल ने बताया कि सूचना मिली थी कि आरोपी कलानौर की और से जिला में चोरी करने आ रहे हैं। पूर्व में मामला दर्ज करवाने वाले पालेवाला के सोमपाल की शनाख्त पर मल्लीपुर सहारनपुर के हुसैन, कुमार हेडा सहारनपुर के जहूर, बेहट के वसीन व मोहम्मद वाजिद को गिरफ्तार किया गया। इनका 5वां साथी चिलकाना निवासी सुलेमान उर्फ मादा अभी फरार है। हुसैन और जहूर मास्टर माइंट हैं। जहूर पर पूर्व में ट्रैक्टर व बाइक चोरी के 8 मामले दर्ज हैं। 

इन वारदातों को दिया अंजाम 
जांच टीम के मुताबिक 11 व 12 सितम्बर की रात पालेवाला के सोमपाल के डेरे में आरोपियों ने भैंस व कटड़ी चोरी की थी। इससे पहले पांचों आरोपियों ने सोमपाल के साथ सरिये से मारपीट की, रस्सी से बांधा। लाखों के दुधारू पशु चुराने के बाद बाहर से कुंडा लगाकर फरार हो गए। इसी संदर्भ में जठलाना थाने में धारा 458 व 380 के तहत मामला दर्ज हुआ था।15 अक्तूबर को अहड़वाला के जोगिंद्र सिंह की 2 भैंसे चुराई थी। इससे पहले 9 अगस्त को साढौरा के रामपुर अराइयां वासी गुरनाम सिंह की एक भैंस चुराई थी। तीनों वारदातों में आरोपियों ने महिंद्रा पिकअप गाड़ी का इस्तेमाल किया था जो अब आरोपियों के कब्जे से बरामद कर लि गई है। 

कौडिय़ों के भाव बेचते थे लाखों के पशु 
स्टाफ के इंस्पैक्टर संदीप कुमार ने बताया कि आरोपी चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए किसी भी हद तक चले जाते थे। जांच में सामने आया है चुराए गए दुधारू पशुओं को उत्तर प्रदेश की किसी भी मंडी में बेच देते थे। लाखों की कीमत वाले पशुओं का जो दाम इन्हें मिलता था बस ये ले लेते थे। उन्होंने बताया कि एस.पी. राजेश कालिया की ओर से इन वारदातों को सुलझाने की जिम्मेदारी मिली थी। रिमांड के दौरान कुछ अन्य बड़े खुलासे होने की संभावना है।