नशीली दवाईयां बेचने के जुर्म में दुकानदार को 10 साल की कैद

12/23/2017 12:36:42 PM

जींद(ब्यूरो):अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमृत सिंह चालिया की अदालत ने एम.पी.टी. किट और नशीली दवाइयों बेचने के जुर्म में एक दुकानदार को 10 साल की कैद और 2 लाख 60 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि नहीं भरने की सूरत में 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अभियोग के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि ढाठरथ गांव में गुरुद्वारा के पास करियाना की दुकान चलाने वाला विक्रम कपूर गर्भपात का सामान और अन्य नशीली दवाइयां रखता है। इसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग के नोडल आफिसर डा. सतीश सुलेख के नेतृत्व में छापामार टीम का गठन किया गया।

इसमें डा. पालाराम समेत अन्य कर्मचारी शामिल हुए। टीम ने महिला डिकोय के माध्यम से करियाना की दुकान चलाने वाले विक्रम उर्फ बंटी से संपर्क साधा। रात को जब टीम पहुंची तो विक्रम को डिकोय पर संदेह हो गया, जिस पर उसने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। दरवाजा नहीं खुलने पर पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस को बुलाया, जिन्होंने ग्रामीणों की मौजूदगी में दुकान का दरवाजा तोड़ा। इससे पहले विक्रम उर्फ बंटी छत के रास्ते से फरार हो गया। दुकान की तलाशी लेने के दौरान एम.पी.टी. की 3 किट तथा भारी संख्या में नशीली दवाइयां बरामद हुईं। 

नोडल आफिसर डा. सतीश सुलेख की शिकायत पर पुलिस ने विक्रम कपूर के खिलाफ गर्भपात निरोधक अधिनियम, एन.डी.पी.एस. सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। तभी से ए.डी.जे. अमृत सिंह चालिया की अदालत में मामला विचाराधीन था। अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए विक्रम कपूर को गर्भपात किट और नशीली दवाइयां बेचने का दोषी ठहराते हुए 10 साल की कैद और 2 लाख 60 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।