सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा इंजीनियरों की पदोन्नति को दी हरी झंडी

1/22/2018 5:25:01 PM

चंडीगढ़(ब्यूरों): सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा में काम कर रहे इंजीनियरों की पदोन्नति के लिए बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां काम कर रहे सैकड़ों इंजीनियर के प्रमोशन को हरी झंडी दे दी है। साथ ही मुख्य सचिव डी.एस.सिंसी ने विभिन्न विभागों को दूरी के तहत डीम्ड विश्वविद्यालयों की डिग्री रखने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश भी दिये  है। बता दें,सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 3 नवंबर को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीटेक की डिग्री प्राप्त की जा सकती है।

वहीं, साल 2001 से 2005 के शैक्षणिक सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों को इंजीनियरिंग में पुराने किसी भी प्रकार के सिद्धांतो को निलंबित कर दिया जाएगा। जब तक वे तकनीकी शिक्षा के लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल ऐजुकेशन के तहत आयोजित होने वाली परीक्षा ना दें। पूर्व में डीम्ड यूनिवर्सिटी को वास्तव में अनुमोदन गलत और अवैध माना गया है। इस विषय पर मुख्य सचिव ने कहा कि इस सत्र के दौरान नामांकित छात्रों को परीक्षा पास करने के लिए दो मौके दिए जाएंगे।  यदि वो इसे पास नहीं कर पाते है तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा या प्रमोशन के लाभ वापस लिए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने सभी समकक्ष विश्वविद्यालयों को 2018-19 के शैक्षणिक सत्र से लोंग मोड में पाठ्यक्रम की पेशकश करने तक रोक दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक पाठ्यक्रम संचालित करने योग्य नहीं होता है तब तक के लिए ये अनुमति दी जाती है। सिरसा स्थित विद्यालय के प्राध्यापक, याचिकाकर्ता कर्ता सिंह ने कहा कि बीटेक की डिग्री के आधार पर हजारों लोगों को राज्य में नौकरी या पदोन्नति मिल चुकी थी, जो कि किसी भी वर्ग के अध्ययन या व्यावहारिक बिना सम्मानित किया जा रहा था।