अब बच्चे व बड़े डांस के माध्यम से सीखेंगे योग, नैचुरल पावर संस्थान का शुभारम्भ

12/27/2017 1:01:34 PM

जींद(ब्यूरो): अब शहर के छोटे-छोटे के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए डांस के माध्यम से उनको योग सिखाया जाएगा और उनकी लंबे समय तक सेहत दुरुस्त रहें, इसके लिए भी उनको नैचुरल पावर योग के माध्यम से उनको शारीरिक, बौद्धिक विकास किया जाएगा, जिससे बच्चों की समरण शक्ति विकसित होगी और वे पढ़ाई भी ज्यादा आगे जा सकें। यह बात यह बात सैक्टर 9 में स्थित नैचुरल पावर योग संस्थान का शुभारंभ अवसर पर मुख्यातिथि आधारशिला पब्लिक स्कूल की निदेशिका अंजू सिहाग ने कही। कार्यक्रम का शुभारंभ रिबन काटकर आधारशिला पब्लिक स्कूल के चेयरमैन संदीप सिहाग ने किया। 

उन्होंने कहा कि आज के समय में योग जैसे संस्थानों की जरूरत ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि अलग-अलग प्रकार की बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों में प्रोफैशनल योग टे्रनर न होने के कारण ये समस्या ज्यादा बढ़ती जा रही है। अब सैक्टर 9 स्थित नैचुरल पावर योग का संस्थान बनने से लोगों को काफी फायदा मिलेगा। इस अवसर पर सी.आर.एस.यू. योग के एच.ओ.डी. प्रो. वीरेंद्र आर्य, शिक्षा विभाग की ए.ई.ओ. सुखवंती दलाल, मुख्य अध्यापक संतरात व कृष्ण भनवाला आदि मौजूद थे। नैचुरल पावर योग संस्थान के ट्रेनर बिजेंद्र आर्य ने कहा कि आजकल बच्चों की हाइट नहीं बढऩे के कारण बच्चों के माता-पिता काफी चिंतित रहते हैं लेकिन अब उनके योग संस्थान में इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा और बच्चों की सेहत के साथ-साथ उनकी लम्बाई बढ़ जाएगी।

उन्होंने कहा कि आज के समय में डिप्रैशन की समस्या भी बच्चों में बढ़ती जा रही है जो सिर्फ योग करने से उससे बच सकते है। उन्होंने कहा कि थायराइड, शूगर और स्लिप डिस्क की बीमारी के कारण अब हर कोई परेशान हो चुका है, इस सब से छुटकारा पाने के लिए सिर्फ योग थैरेपी ही एक ऐसा माध्यम से जो नैचुरल तरीके से इन बीमारियों से बचने के लिए नियमित योग करने से राहत मिलती है। संस्थान के संचालक जितेंद्र बूरा ने कहा कि अब इस संस्थान में एक्यूप्रैशर के माध्यम से भी कई बीमारियों को ठीक करने का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह संस्थान नववर्ष पर अपना काम शुरू कर देगा। उन्होंने शहर के लोगों से अाहान किया कि वे अपने बच्चों के साथ-साथ खुद भी योग को अपनाकर अपना और अपने परिवार की सेहत को स्वस्थ रखें ताकि देश का पैसा सामाजिक कार्यों पर खर्च किया जा सके।