हफ्ते भर में रेप के 14 मामले, छ: साल बाद हरियाणा ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

1/20/2018 2:56:30 PM

चंडीगढ़ (शिवम् यादव): पिछले सप्ताह की 12 जनवरी से 19 जनवरी के बीच एकाएक बलात्कार के 14 मामले सामने आए हैं जिससे प्रदेशवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है, वहीं इन घटनाओं के चलते हरियाणा ने छ: साल पुराना अपना ही रिकार्ड तोड़ दिया है। आज से छ: साल पहले सन् 2012 में भी एक हफते में रेप के करीब 11 मामले सामने आए थे। उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। उन घटनाओं को लेकर कांग्रेस सरकार ने बड़ी बेहयाई दिखाते हुए ये कहा था कि इस तरह की घटनाओं का सामने आना सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

जिस तरह 2012 में सत्ता हाथ होने पर कांग्रेस के नेताओं ने बेशर्मी भरे बयान देकर राज्य को बदनाम किया था, ठीक वैसेे ही छ: साल बाद सत्ता भाजपा के हाथ होने पर अब भाजपा नेता भी इन घटनाओं के सामने आने पर बेशर्मी भरे बयान देने और पूर्व सरकारों पर आरोप लगाने से नहीं चूक रहे हैं। छ: साल पहले कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष फूल चंद मुलाना ने रेप की घटनाओं पर कहा था, "ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं।"

और अब भाजपा सरकार के मुखिया मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में हो रही रेप की घटनाओं का ठीकरा पूर्व सरकार पर फोड़ा है। वहीं भाजपा के बागी नेता सांसद राजकुमार सैनी ने कहा, "रेप घटनाएं आदिकाल से होती आ रही हैं और ये सरकार से पूछकर नहीं होती।"

इस तरह से सत्ताधीश सरकारें व पूर्व सरकारें एक दूसरे पर दोषारोपण कर राजनीति करने में लगी हैं। उस दौरान खाप पंचायतों ने रेप की घटनाओं का आरोप टेलीविजन और फिल्मों पर लगाया था। जो भी हो बलात्कार की घटनाओं ने फिर से छ: साल पुराना अपना ही रिकार्ड तोड़ दिया है। तब की घटनाओं और वर्तमान की घटनाओं में अंतर यह पाया गया कि पहले महिलाओं को शिकार बनाया जाता था और अब महिलाओं सहित बच्चियों और किशोरियों को भी शिकार बनाया जा रहा है। और वो भी उस राज्य में जहां से बेटियों को बचाने और पढ़ाने का अभियान को शुरू किया गया।

बीते दौर में हरियाणा की खाप पंचायतों ने इस समस्या से निजात पाने के लिए तो युवाओं को विवाह 16 वर्ष में करने की सलाह दी थी। हां, वो बात अलग है कि कानून ने शादी करने की उम्र लड़के की 21 वर्ष व लड़कियों की 18 वर्ष तय की है। हालांकि, अब ये देखना है हरियाणा में घट रही रेप की घटनाओं पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार क्या उपाय करती है? क्या बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार बेटियों को बचाने में सफल होगी भी या नहीं?