कुदरत की मार से भी नहीं हारा अमरजीत, बिना हाथों के ही लड़ रहा जिंदगी की जंग

5/9/2017 2:11:44 PM

फतेहाबाद(रमेश भट्ट):अगर दिल में हिम्मत और जुनून हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। गांव खैरातीखेड़ा के 16 वर्षीय अशक्त अमरजीत के हुनर में यही देखने को मिला। अमरजीत के दोनों हाथ नहीं है बावजूद इसके वह बहुत से वे जरुरी काम बहुत आसानी से कर रहा है जो एक आम इंसान दोनों हाथों के सहारे करता है। 

अपने सारे काम खुद करता है अमरजीत
अमरजीत पशुओं को खोलना, बांधना और चारा डालने के अलावा खुद स्कूल के लिए तैयार होना, खाना खाना आदि काम करता है। अमरजीत की इस कोशिश के बाद उसके माता-पिता भी हक से कहते हैं कि उनका बेटा उन पर बोझ नहीं है। अमरजीत को इस लायक बनाने में परिवार ने हर संभव प्रयास किया और आज हालात ये हैं कि अमरजीत को अपने हाथ नहीं होने का कोई गम नहीं है। 

घर के कामों में बंटाता है परिवार का हाथ
अमरजीत के चाचा सुरेश और बहन ललिता कहते हैं कि स्कूल जाने से पहले अमरजीत घर के सभी जरुरी कामों में परिवार का हाथ बंटाता है। बहन ललिता बताती है कि उसका भाई अमरजीत स्वयं अपने हाथ रूपी पैरों से खाना खाता है। 

'सरकार की अोर से नहीं मिल रही कोई सहायता'
फिलहाल परिवार को अमरजीत को लेकर मलाल है कि उसे अशक्त के तौर पर सरकार की ओर से किसी योजना के तहत सहायता नहीं मिली। अमरजीत के हाथ नहीं है तो लिहाजा उसका आधार कार्ड नहीं बन सकता। ऐसे में अमरजीत को अशक्त पेंशन या अन्य कोई सहायता राशि नहीं मिल पा रही है। यदि ये सहायता मिले तो अमरजीत और उसके परिवार को कुछ राहत मिल सके।