Pics: बर्फीले तूफान में झज्जर का अंकुर भी शहीद, पत्नी को नहीं खबर

1/28/2017 3:15:07 PM

झज्जर (प्रवीन धनखड़):जम्मू कश्मीर के गुरजे सैक्टर की बर्फीली चोटियों पर देश की सुरक्षा में तैनात रहा झज्जर का अंकुर भी देश के लिए शहीद हो गया है। अंकुर झज्जर जिले के बादली हलके के गांव उखलचना का रहने वाला था। दिवाली से 3 दिन पहले ही अंकुर छुट्टी काटकर घर से गया था। उसके बाद उसकी पोस्टिंग पठानकोट से बदलकर गुरजे सैक्टर के बांदीपुरा की बर्फीली चोटियों पर हो गई थी।

अंकुर की शहादत पर पिता को गर्व
अंकुर के पिता श्रीभगवान भी सेना में रह चुके हैं। 3 भाई बहनों में दूसरे नंबर की संतान अंकुर शुरू से ही सेना में भर्ती होना चाहता था। अंकुर के पिता ने बताया कि 12वीं करने के बाद अंकुर ने पॉलिटेक्निक में दाखिला लिया था। उसी दौरान रोहतक से सेना में भर्ती हो गया। शहीद के पिता का कहना है कि अंकुर का चयन आई.टी.बी.पी में भी हो गया था, लेकिन उसने सेना को चुना। अंकुर की शहादत पर उन्हें गर्व है। रुआंसी आँखों और बेटे की शहादत पर गौरवान्वित पिता का कहना है कि वो अपने दूसरे बेटे को भी सेना में ही भेजेंगे। अंकुर की शहादत की सूचना अंकुर के पिता को तो है लेकिन घर के माहौल को देखते हुए अंकुर की मां, बहन और पत्नी को अभी उसकी शहादत की खबर नहीं की गई है।

साल 2012 में सेना में भर्ती हुआ था अंकुर
साल 2012 में अंकुर सेना में भर्ती हुआ था। फरवरी 2015 में उसकी शादी हुई थी। शादी को अभी 2 साल भी नहीं हुए है। गांव वालों कोअपने लाल ,भाई और दोस्त पर गर्व है। अंकुर की शुरूआती शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से हुई थी। भर्ती होने के बाद जब भी अकुर गांव आता तो अपने दोस्तों के साथ जमकर मस्ती भी करता था। होली पर जब वो छुट्टी लेकर आया तो दोस्तों के साथ जमकर मस्ती की और डांस भी किया। अंकुर अपने घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। पिता रिटायर हो चुके हैं। छोटा भाई है जो पढ़ रहा है। 

ग्रामीणों ने शहीद के छोटे भाई को नौकरी देने की मांग की
गांव वालों का कहना है कि बेहद खुशमिजाज और दूसरों की मदद करने वाला था।दोस्तों का कहना है कि वो उन्हें हमेशा देशभक्ति और नशा छोड़ने के साथ काम करने और व्यायाम करने की सलाह देता था। गांव वालों का कहना है कि उन्हें अपने लाल पर नाज है। गांव वालों ने शहीद के परिवार को उचित सम्मान और छोटे भाई को नौकरी देने की मांग भी की है।