पढ़ाई के लिए डेढ़ साल बेटे से दूर रही अनु, नौकरी छोड़ UPSC में किया दूसरा स्थान हासिल(Video)
punjabkesari.in Saturday, Apr 28, 2018 - 12:51 PM (IST)
सोनीपत(पवन राठी): हरियाणा की बेटियां खेलों में ही नहीं बल्कि पढ़ाई में भी अव्वल हैं। मन में कुछ करने की चाह हो तो कुछ भी करना मुश्किल नहीं है। यहीं बात हरियाणा की बहू अनु कुमारी ने सच कर दिखाई। अनु ने अपने 4 साल के बेटे से दूर रहकर अौर अपनी नौकरी छोेड़कर अपना सपना साकार किया। UPSC में देश में नंबर दो रैंक हासिल कर अनु ने यह साबित कर दिया कि हरियाणा की लड़कियां हर वर्ग में लड़कों से आगे हैं। अनु ने अपना ही नहीं अपने माता-पिता का और अपने प्रदेश का नाम पूरे देश में रोशन किया है।
फिजिक्स ऑनर्स कर पूरी की MBA की पढ़ाई
अनु कुमारी ने अपने स्कूल की पढ़ाई सोनीपत के शिवा स्कूल से पूरी की। उन्होंने ग्रेजुएशन बीएससी फिजिक्स ऑनर्स दिल्ली विश्वविद्यालय से और एमबीए की पढ़ाई नागपुर आईएमटी से की। अनु के पिता भी हाल के दिनों में प्राइवेट सेक्टर से रिटायर्ड हुए हैं जबकि मां गृहणी हैं।
अपना सपना साकार करने के लिए अपने बेटे से रहीं दूर
अनु यहां तक पहुंचने के लिए डेढ़ साल तक अपने चार साल के बेटे से भी दूर रहीं। बेटे को मां के पास छोड़कर वो खुद अपनी मौसी के यहां रहने लगीं और रोज करीब 10 से 12 घंटे पढ़ाई करतीं। आखिरकार उनकी ये मेहनत काम आई और इस बार वे यूपीएससी एग्जाम में दूसरा स्थान पाने में कामयाब रहीं।
UPSC के लिए छोड़ी नौकरी
अनु पिछले 9 साल से गुड़गांव में एक प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी में 20 लाख रुपए के वार्षिक वेतन पर नौकरी कर रही थी, लेकिन एग्जाम की तैयारी के लिए दो साल पहले नौकरी छोड़ दी। अनु ने पहले भी यूपीएससी का प्री एग्जाम दिया था। अनु बताती हैं कि नौकरी अच्छी थी, लेकिन मुझे अंदर से संतुष्टी नहीं मिल रही थी। उन्होंने बताया कि उनके ससुराल वालों से लेकर घरवालों ने भी पूरा सपोर्ट दिया। यही वजह है कि वो पढ़ाई पर ध्यान दे पाईं और परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की। अनु ने बताया कि वे आईएएस अफसर बनना चाहती हैं।
अनु इस तरह की UPSC की तैयारी
अनु ने कहा कि उन्होंने काफी हद तक सेल्फ स्टडी की। डीयू से बीएससी की हुई थी जिससे उन्हें काफी सब्जेक्ट की नॉलेज थी। उन्होंने स्पेशल टॉपिक बनाकर अभ्यास किया, ऑनलाइन स्टडी भी की। अनु पिछले एक साल से कड़ी मेहनत कर रही थीं। वह रोजाना 10 से 12 घंटे पढ़ाई करते थी अौर इसी का नतीजा है कि उन्होंने देश में दूसरा रैंक हासिल किया।
पिता को है बेटी पर गर्व
अनु की सफलता पर उनके पिता बलजीत सिंह को बड़ा गर्व है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने उनका ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का नाम देश में रोशन किया है। बलजीत सिंह ने कहा कि आज उन्हें इतनी खुशी है कि इसको वे एक्सप्लेन नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि अनु बचपन से ही शिक्षा में अव्वल रही है। वह अपनी बेटी से उम्मीद करते हैं कि वह IAS बनकर देश के प्रति ईमानदारी से काम कर देश का नाम रोशन करें और महिला और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए काम करें।