हरियाणा: अशोक स्तंभ की याद में बनाया गया अशोक चक्र, जल्द होगा उद्घाटन (VIDEO)

punjabkesari.in Tuesday, Jan 01, 2019 - 06:20 PM (IST)

यमुनानगर(सुमित): लगभग आठ सौ साल पहले जिस अशोक स्तंभ को फिरोजशाह तुगलक यमुनानगर से उठाकर दिल्ली ले गया था, उसी की याद में अशोक चक्र बनाया गया है। यह देश का सबसे बड़ा अशोक चक्र माना जा रहा है, जिसका उद्घाटन 5 जनवरी 2019 को इसका उद्घाटन होना है। चक्र को 12 कारीगरों ने छह महीने में तैयार किया और लाखों लागत भी आई, इसे ग्राम पंचायत व दी बुद्धिस्ट फोरम ने तैयार करवाया है। आइए जानते इसके बारे में-

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मान्यता और खासियतें 
मान्यता-

       बौद्ध दर्शनशास्त्र के अनुसार धर्म चक्र की 24 तिल्लियों में 12 मन को काबू में करने का प्रतिनिधित्व करती हैं। 12 कर्म और आचार व्यवहार को दर्शाती हैं। यह अध्यात्म और त्याग का संदेश देती हैं। इसे नार्थ-साउथ मेग्नेटिक फील्ड ग्रेविटी के हिसाब से रखा गया है।

खासियतें-

  • 6 टन लोहा और 3 टन अन्य सामग्री।
  • अब तक 30 लाख रुपए खर्च हुए।
  • लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी।
  • गोल्डन कलर से पेंट कर लेमिनेट किया है।


अशोक चक्र का निर्माण हरियाणा के यमुनानगर में हुआ है। यहां के टोपरा कलां गांव के लोग अशोक स्तंभ वापस नहीं ला सके, इसलिए 30 लाख की लागत से इसकी याद में धर्म चक्र बना दिया। अशोक स्तंभ में शामिल होने की वजह से धर्म चक्र को अशोक चक्र के नाम से जाना जाता है, 30 फीट ऊंचा सुनहरे रंग का यह चक्र अशोका इडिक्ट पार्क में आठ फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित किया गया।

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ग्राम पंचायत व दी बुद्धिस्ट फोरम ने 12 कारीगरों द्वारा छह महीने में चक्र को तैयार करवाया। ग्रामीणों के जज्बे को देखते हुए हाल ही में प्रदेश के टूरिज्म डिपार्टमेंट ने अशोका इडिक्ट पार्क विकसित करने के लिए दो करोड़ रुपए की ग्रांट भी मंजूर की है। 24 तीलियों वाले इस धर्म चक्र का पांच जनवरी को विधिवत रूप से उद्घाटन किया जाएगा, उद्घाटन कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाषचंद्र, प्रदेश के टूरिज्म मंत्री रामबिलास शर्मा समेत कई बड़ी हस्तियां पहुंचेंगी।

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वहीं गांव के निवासी विक्रम सिंह मेहरा ने बताया कि यह चक्र भारत का सबसे ऊंचा चक्र है। यहां पर स्थापित करने का इसका यह कारण है कि 23 सौ साल पहले सम्राट अशोक ने यहां पर एक स्तंभ लगवाया था, जिस पर 7 राजाज्ञाएं लिखी हुई थी और लगभग 14वीं सदी में मोहम्मद तुगलक यहां पर आए और इस स्तंभ को यहां से उखाड़कर दिल्ली फिरोज शाह कोटला मैदान में स्थापित कर दिया था। गांव वासियों की अपील के बाद यहां पर अब यह अशोक चक्र यहां पर बनाया जा रहा है, ताकि हमारा गांव एक यादगार गांव रहे।

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Shivam

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