अलविदा 2018: हरियाणा की वे आठ प्रमुख घटनाएं जो ऐतिहासिक बन गई

punjabkesari.in Tuesday, Jan 01, 2019 - 03:55 PM (IST)

डेस्क: साल 2018 जो कभी नया लगा था अब वह बीत चुका है और इसका एहसास भी शायद आपको न हुआ हो कि इस साल की जनवरी आई उसके बाद देखते-देखते दिसंबर भी आ गया। आप सभी लोगों ने यह साल जिंदगी की कभी खुशी-कभी गम वाले एहसास में काट दिए होंगे, ठीक इसी तरह आपका प्रदेश हरियाणा भी कभी राजनीतिक उठापटक में उलझा तो कभी अपराधों से सहमा, कुछ घोटालों को उजागर किया तो कभी हड़ताल के कारण खामोश हुआ। आईए जानते हैं हरियाणा प्रदेश ने इस साल क्या-क्या देखा-

ऐतिहासिक कानून: 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर फांसी की सजा
हरियाणा सरकार इसी साल 2018 में ऐतिहासिक कानून के प्रस्ताव को पास किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के दोषी को फांसी की सजा का प्रावधान किया गया। हरियाणा सरकार ने यह फैसला साल 2017 के दिसंबर महीने में हुए हिसार के बरवाला में हुए गुडिय़ां रेप कांड के बाद प्रभावित होकर लिया था।

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मनोहर सरकार ने इस पर विचार करते हुए प्रस्ताव तैयार किया, जिसे विधानसभा के बजट सत्र में कानून में संशोधन करके प्रस्ताव पारित किया गया। ऐसा कानून बनाने वाला हरियाणा देश का तीसरा राज्य बना। इससे पहले देश में मध्यप्रदेश व राजस्थान ऐसे कानून बनाया जा चुका है।

विधानसभा में हुआ जूता शो, कई दिनों मामला रहा सुर्खियों में
इस वर्ष ही मॉनसून सत्र के तीसरे और अंतिम दिन हरियाणा विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस के विधायक करण सिंह दलाल और इनेलो विधायक व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला के बीच किसी बात को लेकर वाद विवाद हो गया। दोनों के बीच नोक झोंक इतनी तेज बढ़ गई कि नौबत हाथापाई तक पहुंच गई।

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इस दौरान करण और अभय ने सदन की कार्यवाही के दौरान ही एक दूसरे को जूता तक निकाल कर दिखाया जिसके बाद मार्शलों को बीच बचाव करना पड़ा। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे को अपशब्द भी कहे। वहीं  विधायक करण दलाल को एक साल के विधानसभा से बर्खास्त भी कर दिया गया। ये मामला कई दिनों तक राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा।

इनेलो में फूट: पार्टी के राजकुमार कहे जाने वाले दुष्यंत हुए बेघर
हरियाणा की राजनीतिक पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के लिए यह साल काफी दुर्भाग्यशाली रहा। शुरूआत में तो सबकुछ ठीक रहा, सांसद दुष्यंत चौटाला अपने चाचा विधायक अभय चौटाला के साथ पार्टी के जनाधार को मजबूत करने में जुटे हुए थे। लेकिन जब सितंबर महीने में सोनीपत के गोहाना में पार्टी की ओर से सम्मान रैली का आयोजन किया तो यहां इनेलो में फूट पड़ गई।

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रैली में अभय के सामने दुष्यंत सीएम के नारे लगाए गए, जिसमें पार्टी की दो फाड़ साफ नजर आई। इस रैली में इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला भी शामिल हुए थे। जिन्होंने दुष्यंत चौटाला व उनके भाई दिग्विजय चौटाला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

दुष्यंत ने बनाई नई पार्टी, नाम दिया जननायक जनता पार्टी
इनेलो से अनुशासनहीनता के  आरोप लगने पर पार्टी से निकाले जाने पर दुष्यंत चौटाला ने अपने पिता अजय चौटाला के ऐलान पर नई पार्टी का आगाज किया। अजय चौटाला भी जेबीटी भर्ती मामले में सजा काट रहे हैं, जो नंवबर माह में पैरोल पर आए और 17 नवंबर को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया।

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 जिसके बाद दुष्यंत चौटाला ने जींद के पांडू पिंडारा में जबरदस्त रैली करते हुए जननायक जनता पार्टी का आगाज किया। पार्टी का झंडा पीला और हरे रंग में रखा गया है, जिसमें चौधरी देवी लाल की तस्वीर लगाई गई है, फिलहाल यह पार्टी अपने चिह्न पर विचार कर रही है।

सतलोक आश्रम के संत को उम्रकैद की सजा
जिस तरह साल 2017 में बाबा राम रहीम को यौन शोषण के मामले में दोषी करार पाए जाने के बाद उम्रकैद की सजा हुई। वैसे ही साल 2018 में भी एक और पाखंडी को उसके पाखंडों की सजा मिल गई। यहां अक्टूबर में सतलोक आश्रम के संचालक संतराम पाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, साथ ही एक लाख रूपये जुर्माना लगाया गया।

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संत राम के 15 समर्थकों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इन सभी पर चार महिलाओं और एक बच्चे की हत्या मामले में रामपाल समेत 15 लोगों को 11 अक्टूबर को अतिरिक्त जिला एवं सत्र कोर्ट हिसार ने दोषी करार दिया था।

रेवाड़ी गैंगरेप से दहला हरियाणा का दिल
इसी साल हरियाणा के लिए सबसे शर्मनाक घटना रेवाड़ी गैंगरेप बना। सितंबर के महीने में रेवाड़ी के कोसली में एक होनहार छात्रा का उसके ही जानकार के युवकों ने उसे नशीला पेय पिलाकर अपहरण कर उसे सुनसान जगह पर ले गए और उसका गैंगरेप किया। इस घटना के बाद पुलिस मामले में पुलिस की भी काफी लापरवाही सामने आई थी।

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इस मामले में एसआईटी ने मुख्यारोपियों सहित आठ आरोपियों व 38 गवाहों को कोर्ट में पेश किया। एसआईटी ने कोर्ट में 594 पेजों को चालान पेश किया था। बता दें यह मीडिया ने इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया, तब जाकर कहीं आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई थी।

हरियाणा रोडवेज का चक्काजाम, जनता की हुई उफ्फ...
18 दिनों तक चली इस लंबी हड़ताल की आग पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पानी डालने का काम किया। तालमेल कमेटी की ओर से निजी बसें किराए पर लेने की राज्य सरकार की नीति के विरोध में हड़ताल की गई। हाईकोर्ट ने इस नीति पर सुनवाई शुरू की है। सुनवाई के सिलसिले में रोडवेज वर्कर्स यूनियन के वकील जोगिंदर सिंह तूर ने निजी बसें किराए पर लेने की नीति पर विस्तार से यूनियन का पक्ष रखा।

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इसमें बताया गया कि यह नीति राज्य सरकार और रोडवेज दोनों के हित में नहीं है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सभी निलंबित कर्मचारियों को तत्काल वापिस लेने का आदेश दिए और आखिरकार हरियाणा के इतिहास की इस लंबी रोडवेज की हड़ताल ने दम तोड़ दिया। आखिरकार पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की दखल के बाद सरकार और रोडवेज कर्मचारियों में कई मांगों पर सहमति बनी, फिलहाल, रोडवेज कर्मचारी आगे भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।

सामने आया एचएसएसी भर्ती घोटाला, प्रभावित हुई 50 हजार से अधिक नौकरियां
साल 2018 में बहुत से घोटाले सामने आए। एक घोटाला हरियाणा स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन में भी उजागर हुआ। वैसे ये घोटाला शुरू 2017 में हुआ था, लेकिन खुलासा 2018 में हुआ। जिसमें पता चला कि हरियाणा में अगर एक ड्राइवर भर्ती होता है, तो 2 से साढ़े तीन लाख रुपए, वहीं क्लर्क के लिए 10 लाख रुपए तय होते थे।

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बड़ी बात यह है, कि पिछले डेढ़ साल से यहां किसी भी विभाग में किसी भी पद के लिए रेट तय किए जाते थे, जिसमें क्लर्क, ड्राइवर्स, कंडक्टर, नर्स, ऑपरेटर समेत अनेक भर्तियोंं में लोगों को भर्ती कराने के लए 2 से 10 लाख रुपए तक का सौदा होता था। भर्ती घोटाले के चलते हरियाणा सरकार ने नई भर्तियों के साथ पुरानी भर्ती प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी, जिससे 50 हजार से अधिक सरकारी भर्तियां बीच में अटक गई।

फिलहाल, पुराना साल बीत गया है, नया साल आ गया है। देखना यह है कि आने वाला साल हरियाणा में क्या बदलाव लाता है, किन ऊंचाईयों तक पहुंचता है। अभी के लिए साल 2019 आपके लिए, आपके गांव-शहर देश-प्रदेश के लिए मंगलमय हो, नव वर्ष की आप सभी को शुभकामनाएं!


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Shivam

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