एक हिंदू परिवार का दर्दः 'जान दे दूंगा पर वापिस नहीं जाऊंगा पाकिस्तान'

3/4/2017 8:13:00 PM

फतेहाबाद (रमेश भट्ट):फतेहाबाद के गांव रतनगढ़ में पाकिस्तान से मात्र एक महीने का वीजा लेकर भारत आए दर्जनों लोग वापिस जाने के नाम पर जान देने की बात करते हैं। तस्वीरों में दिख रहा यह परिवार है डवाया राम का जो 2002 में पाकिस्तान से परिवार सहित मात्र एक महीने का वीजा लेकर आया था और हरियाणा के रोहतक जिले में रहने लगा। परिवार वीजा खत्म होने पर वीजा बढाता रहा। यहां तक के आनन-फानन में प्रशासन ने इनके वोटर कार्ड व राशन कार्ड तक बना डाले थे। डवाया राम की मानें तो यह बेनजीर भुट्टो के समय में पाकिस्तान का सांसद भी था। हिन्दू होने पर पाक में इनको यातनाएं दी गई, बहुत जुल्म किए गए मगर इनका दुख नहीं सुना जाता था। वहां इन्हें काफ़िर तक कहा जाता था।

डवाया राम ने बताया कि वहां उसकी लड़कियों के साथ बदसलूकी की जाती थी। 2008 में यह परिवार रतिया के गांव रत्नगढ़ में रहने लगा और बच्चों की शादियां भी कर डाली। डवाया राम व उसका परिवार वापिस पाकिस्तान जाने के नाम पर चीखने चिल्लाने लगता है और जान देने की बात करता है। इनका कहना है कि वापिस पाकिस्तान नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार जान दे देगा या फिर वे देश के राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेंगे। डवाया राम ने भारत सरकार से भारत में ही रहने के लिए नागरिकता देने की मांग की है। डवाया राम का बेटा जो आतंकवाद पर कविता तक गाता है। वहीं ग्राम पंचायत ने भी डवाया राम के परिवार को सही ठहराते सरकार से मांग की है की इन्हें यहां ही रहने की इजाजत दी जाए। वहीं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी सरकार के आदेश पर इन पाक नागरिकों के जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड आधार कार्ड व रिहायशी प्रमाण पत्र के अलावा इनके दस्तावेज खंगालने में लगा है। इन अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने इस पाकिस्तान से आए परिवार का पूरा ब्यौरा मांगा है।