AJL भूमि आवंटन मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर CBI ने किया केस दर्ज

4/6/2017 6:00:58 PM

चंड़ीगढ़(अनिल राठी/धरणी):एजेएल नेशनल हेराल्ड प्लाट आंबटन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ सी.बी.आई. ने केस दर्ज कर दिया है। उनके खिलाफ पंचकूला में प्राथमिकी दर्ज की गई है। हरियाणा सरकार ने एसोसिएटड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के अखबार नेशनल हेराल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन आवंटन का मामला सी बी आई को दिया गया था। इस मामले में राजनीति में गर्माहट शुरू हो गई है अौर आने वाले दिनों में यह बढ़ सकती है। गौरतलब है कि एजेएल को भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने 2005 में 3,360 स्‍क्‍वायर मीटर का एक प्‍लॉट पंचकूला में अलॉट किया था। उस वक्‍त उन्‍हें हरियाणा का सीएम बने हुए 6 महीने ही हुए थे। इतना ही नहीं 2014 में लोकसभा चुनाव से ठीक 2 महीने पहले अगस्‍त में हुड्डा सरकार ने इस प्‍लॉट पर बनी 4 मंजिला इमारत को ऑक्‍यूपेशन सर्टिफिकेट भी जारी किया था। हरियाणा अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी के दस्‍तावेज इसकी तस्‍दीक करते हैं। हरियाणा पुलिस हेडक्‍वार्टर के ठीक सामने एजेएल को पंचकूला के सेक्‍टर-6 में प्‍लॉट अलॉट किया गया था। हुड्डा  के रिकॉर्ड में एजेएल को दिया गया प्‍लॉट ‘गर्वनमेंट ऑफिस’ कैटेगरी में दर्ज है। अथॉरिटी के मुताबिक जब ये अलॉट किया गया था उस वक्‍त इस प्रॉपर्टी की वेल्‍यू 59.3 लाख थी। हालांकि तत्कालीन मुख्य प्रशासक ने स्पष्ट कर दिया कि जमीन को पुरानी दर पर आवंटित नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके हुड्डा ने 2005 में एजेएल को जमीन पुरानी दर पर ही आवंटित कर दी। 

दीपेंद्र हुड्डा भी हैं  कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर
अलाटी का परमानेंट और टेंपरेरी एड्रेस हेराल्ड हाउस 5-ए, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली दर्ज बताया जाता है। 20 मार्च 2015 को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा (सांसद )को भी इस कंपनी में एडिशनल डायरेक्टर दिखाया गया है। इस प्लाट पर इमारत तो बनी है, लेकिन यह अभी खाली है और कोई कामकाज नहीं हो रहा है। फिलहाल वहां सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। हरियाणा सतर्कता विभाग की एफआईआर के मुताबिक हुडा ने पंचकूला के सेक्टर 6 स्थित प्लॉट नंबर 17 को 24 अगस्त, 1982 को एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड नई दिल्ली को आवंटित किया था और प्लॉट का कब्जा 30 अगस्त, 1982 को दे दिया था। फर्म द्वारा बकाया रकम 10 किस्तों में सालाना देने की मांग की गई थी, जिसे हुडा चेयरमैन ने स्वीकार कर लिया था।

2 वर्ष के अंदर पूरा करना था काम
आवंटन के नियम व शर्तों के अनुसार, कंपनी को कब्जे की तारीख से 6 महीने में प्लॉट पर निर्माण शुरू करना था और 2 वर्ष के अंदर काम पूरा करना था। परंतु प्लॉट पर निर्माण नहीं किया गया। इसके चलते संपदा अधिकारी हुडा के आदेश पर 30 अक्टूबर, 1992 को प्लॉट वापस ले लिया गया। एफआईआर के मुताबिक, तत्कालीन हुडा चेयरमैन ने वर्ष 2005 में नियमों का उल्लंघन कर और पद का दुरुपयोग करते हुए एजेएल के लिए वर्ष 1982 के रेट पर उक्त प्लॉट को पुन: बहाल करने के आदेश दे दिए। कंपनी को प्लॉट का निर्माण कार्य 6 महीने के अंदर शुरू करके दो वर्ष के अंदर पूरा करने का समय दिया गया था। आरोप है कि अनियमितता बरते हुए प्लॉट आवंटन के जरिए सरकार को 62 लाख रुपए के राजस्व की हानि पहुंचाई गई।

हुड्डा ने 28 अगस्त 2005 को पद का दुरुपयोग करते हुए एजेएल को पंचकूला में जमीन का आवंटन बहाल कर दी। दरअसल यह जमीन एजेएल को 30 अगस्त 1982 में आवंटित की गई थी। शर्त यह थी कि कंपनी छह महीने में उक्त जमीन पर निर्माण करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसकी वजह से 30 अक्तूबर 1992 को संपदा अधिकारी पंचकूला ने जमीन वापस ले ली। साथ ही 10 फीसदी राशि में कटौती कर शेष राशि 10 नवंबर 1995 को लौटा दी। हालांकि, एजेएल ने संपदा अधिकारी के आदेश के खिलाफ अपील वित्तायुक्त एवं सचिव हरियाणा सरकार के समक्ष की। लेकिन उन्होंने 10 अक्तूबर 1996 को संपदा अधिकारी के आदेश को बरकरार रखा। एजेएल को 30 अगस्त 1982 में जमीन आवंटित की गई थी। उस दौरान शर्त रखी गई थी कि जमीन पर छह महीने में निर्माण करवा लिया जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ, इसके बाद संपदा अधिकारी ने अक्टूबर 1992 को जमीन को वापस ले लिया। साथ ही 10 प्रतिशत राशि में कटौती करते हुए शेष रकम को लौटा दिया गया। इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब 14 मई 2005 को तत्कालीन हुडा प्रमुख भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एजेएल को दोबारा वह जमीन आवंटित करने की संभावना तलाशने को कहा। लेकिन तत्कालीन मुख्य प्रशासक ने स्पष्ट कर दिया कि पुराने रेट पर जमीन आवंटित करना संभव नहीं है। इसके बावजूद हुडा प्रमुख ने 28 अगस्त 2005 को पंचकूला की जमीन 1982 की दर पर ही एजेएल को आवंटित कर दी।

हुड्डा के मुख्य प्रशासक सहित 5 के खिलाफ था केस दर्ज
हरियाणा सतर्कता विभाग द्वारा मामला हुडा के मुख्य प्रशासक सहित पांच के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। यह मामला हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर दर्ज हुआ था। चूंकि मुख्यमंत्री हुडा के पदेन अध्यक्ष होते हैं। तब यह गड़बड़ी हुड्डा के कार्यकाल में हुई इसलिए उनके खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के तत्कालीन अध्यक्ष हुड्डा और हुडा के चार अन्य शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ सतर्कता ब्यूरो ने पांच मई 2016 को लोकसेवक द्वारा आपराधिक विश्वास हनन, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश समेत आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किय था। हुडा के चार अन्य शीर्ष अधिकारियों में उस समय के हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के चीफ एडमिनेस्ट्रेटर रहे ,एसएस ढिल्लो  ढिल्लो जो कि 2013-14 में हुडा के प्रिंसिपल सेक्रटरी थे और डिपार्टमेंट की एफसी शकुंतला जाखू (वर्तमान में सेवानिवृत्त)हुडा में उस समय प्रशासक रहे विनीत गर्ग के नाम प्रमुख रूप से शामिल रहे बताए जाते हैं। इन अधिकारियों से हरियाणा सतर्कता विभाग ने पूछताछ भी की थी । 

हरियाणा सरकार ने एसोसिएटड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के अखबार नेशनल हेराल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन आवंटन का मामला सी बी आई  को सौंप दिया है। इस आशय की पुष्टि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 16 दिसंबर को की थी। इससे पहले पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में आधोघिक प्लांटों के आंबटन  का मामला हरियाणा सरकार पहले ही सीबीआई व इडी को दे चुकी है ।