विशाल हरियाणा के मुद्दे पर कांग्रेस ने हुड्डा से पल्ला झाड़ा, बीजेपी हुई आक्रामक

12/1/2019 5:48:10 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा की राजनीति प्रतिपक्ष व कांग्रेस के दिग्गज भूपिंदर सिंह हुड्डा द्वारा विशाल हरियाणा की चर्चा किए जाने से राजनैतिक तापमान बढ़ा हुआ है। जहां कांग्रेस हुड्डा के साथ इस मुद्दे पर खड़ी नजर नहीं आ रही, वहीं बीजेपी ने भी हुड्डा पर आक्रामक शब्द बाण छोड़े हैं।

विशाल हरियाणा के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बयानों पर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलेजा व राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने फिलहाल यह कर पल्ला झाड़ लिया है कि यह हुड्डा के निजी विचार हो सकते हैं। पार्टी के मंच पर हुड्डा ने यह बात अभी तक नहीं रखी है। जब वह पार्टी प्लेटफार्म पर इसे रखेंगे तो विचार व चर्चा होगी।

कांग्रेस के दो ऐसे दिग्गज नेता जो हरियाणा की राजनीति में सीधा हस्तक्षेप रखतें हों, उनके द्वारा हुड्डा के विशाल हरियाणा के बयानों को समर्थन न किये जाने का एक अहम राजनैतिक कारण यह भी है कि चंडीगढ़ व एसवाईएल के पानी पर हरियाणा में कांग्रेस पिछले चार दशकों से राजनीती करती आ रही है। विशाल हरियाणा का समर्थन करने से कांग्रेस के पुराने स्टैंड को लेकर सत्ता पक्ष व अन्य राजनैतिक दल आक्रामक हो सकते हैं।

हुड्डा ने पिछले पन्द्रह दिनो से विशाल हरियाणा बनाने को लेकर कई ब्यान दिए हैं। हुड्डा ने विशाल हरियाणा में यूपी के इलावा राजस्थान के भरतपुर, अलवर और सीकर क्षेत्र शामिल होने की वकालत भी की। उन्होंने इसके लिए री ऑर्गेनाइजेशन कमीशन बनाने की मांग की और यह भी कहा कि यदि जनता मांग करेगी तो कांग्रेस इसके लिए आगे कदम बढ़ाएगी।

कौन थे विशाल हरियाणा पार्टी के जन्मदाता
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राव बिरेंद्र सिंह वर्ष 1954 में राव मात्र 30 वर्ष की उम्र में ही संयुक्त पंजाब के एमएलसी बने। उन्होंने ही विशाल हरियाणा पार्टी का गठन किया था।सरदार प्रताप सिंह कैंरों मंत्रिमंडल में उन्हें परिवहन व राजस्व मंत्री का जिम्मा दिया गया, परंतु कैरों से पटरी अधिक समय तक नहीं बैठी। हरियाणा गठन के बाद वर्ष 1967 में हुए पहले आम चुनावों में राव बिरेंद्र अपनी ही विशाल हरियाणा पार्टी से पटौदी से चुनाव जीतकर विधायक बने। उन्हें प्रदेश का प्रथम निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष बनने का गौरव मिला।

24 मार्च 1967 को राव संयुक्त विधायक दल के बल पर प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने। वर्ष 1971 में राव ने विशाल हरियाणा पार्टी से महेंद्रगढ़ लोस का चुनाव जीता। 1967 में जीतते ही राव बिरेंदर सिंह ने अपनी अलग विशाल हरियाणा पार्टी बनाकर सत्ता हासिल की। कांग्रेस के कई विधायक इनके साथ आ गए। उस वक्त एंटी-डिफेक्शन लॉ नहीं था, लेकिन तब तक इंदिरा गांधी केंद्र में सत्ता में आ चुकी थीं। सरकार गिरा दी गई हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लग गया। 1968 में कांग्रेस जीती बंसीलाल मुख्यमंत्री बने। रााव बिरेंदर सिंह की पार्टी दूसरे नंबर पर रही, बाद में राव ने भी कांग्रेस जॉइन कर लिया, वर्ष 1977 में अटेली से विधायक बने। । वर्ष 1980 में केंद्र में कांग्रेस सरकार बनने पर इंदिरा गांधी ने राव को कृषि, सिंचाई, ग्रामीण विकास, खाद्य एवं आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा सौंपा।

विशाल हरियाणा पर क्या कहतें हैं हरियाणा के अन्य नेता
हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धर्मपाल मलिक बताया कि ने विशाल हरियाणा की परिकल्पना जो पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पुराने नेताओं के मतानुसार की है और यह सही है। हरियाणा दस लोकसभा सीटों के बूते केंद्र सरकार में अपना दखल नहीं बना सकता। इसलिए हरियाणा के आसपास के हिंदी भाषी क्षेत्र मसलन आगरा और मेरठ मंडल, हरियाणा से लगता राजस्थान का अलवर का क्षेत्र और दिल्ली का देहाती क्षेत्र मिलाकर एक विशाल हरियाणा बनना चाहिए। पहले राजनीतिक दखल के चलते पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के विचार को आगे नहीं बढऩे दिया गया और न ही राव बिरेंद्र सिंह की परिकल्पना साकार हुई। इस विशाल हरियाणा का आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक वर्चस्व बनेगा। मलिक कहते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सही समय पर सही मुद्दा उठाया है। 

विद्युत मंत्री रंजीत सिंह ने इस मसले पर कहा है कि नेता विपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा की और से विशाल हरियाणा की आवाज उठाना अब यह पुरानी बातें हैं और लगभग हर राज्य में ऐसी बातें उठती हैं, लेकिन वे नहीं समझते कि कोई ऐसा डिवीजन होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा बन जाए तो मैं इसके हक में हूं, लेकिन ऐसी चीजें अभी मुमकिन नहीं हैं।

गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपना दिमागी संतुलन खो बैठे हैं, इसलिए वह इस तरह की बातें कर रहे हैं। विशाल हरियाणा की बात कह कर हुड्डा घोर अपराध कर रहें हैं। हमारा पहले दिन से स्टैंड रहा है कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी रहे। चंडीगढ़ के साथ बहुत सारे मुद्दे जुड़े हुए हैं। हिन्दीभाषी क्षेत्रों पर हमारे हक की वकालत व एसवाईएल का मुद्दा हम पहले दिन से कह रहे हैं। हुड्डा हमारे स्टैंड को डिल्युट करने का षड्यंत्र रच जनता से धोखा कर रहें हैं।

Shivam