चार साल पुराने विवादित बयान में फंसे रामदेव, कोर्ट ने भेजा नोटिस

10/5/2018 7:00:53 PM

हिसार: दलितों पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में हिसार के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार जैन की अदालत ने योग गुरु बाबा रामदेव को आगामी 22 अक्टूबर को अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया है। अदालत ने बाबा रामदेव को यह नोटिस शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कल्सन की रिवीजन याचिका पर कल सुनवाई करते हुए जारी किए। 



शिकायतकर्ता एवं दलित राइट््स एक्टिविस्ट एडवोकेट रजत कल्सन ने बताया कि गत 26 अप्रैल 2014 को बाबा रामदेव ने लखनऊ में प्रेस सम्मेलन में यह टिप्पणी की थी। उन्होंने इस बारे में हांसी की ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फस्र्ट क्लास की अदालत में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे खारिज किया गया था। उसके खिलाफ उन्होंने हिसार की सत्र अदालत में रिवीजन याचिका दाखिल की, जिस पर हिसार के अतिरिक्त सत्र व जिला न्यायाधीश राजकुमार जैन ने बाबा रामदेव को नोटिस किया है।



अधिवक्ता रजत कल्सन ने आरोप लगाया कि बाबा रामदेव के समर्थकों ने पत्र लिखकर मुकदमा वापिस न लेने पर जान से मारने की धमकी दी थी। बाबा रामदेव की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी यह थी "देखो भाई मोदी और बाबा रामदेव मजबूरी में फकीर नहीं बने राहुल गांधी की तरह, और बेचारे की किस्मत ही खराब है कि उसे कोई लड़की ही नहीं मिल रही और उसकी मम्मी कहती है कि मेरा मुन्ना तूने विदेशी लड़की से ब्याह करवा लिया तो तू प्रधानमंत्री नहीं बनेगा और देसी से वो करवाना नहीं चाहता। मम्मी चाहती है कि पहले वो प्रधानमंत्री बन जाए फिर विदेशी लड़की को लाये और यह लड़का है जो देसी से शादी नहीं करवाना चाहता। हनीमून करने के लिए पिकनिक करने के लिए जरूर दलितों के घरों में जाता है।

Shivam