''डेरे'' का काला सच! लोगों को जमीन बेचने पर मजबूर करता था डेरा

9/9/2017 8:38:19 AM

सिरसा:डेरा सच्चा सौदा की कमान संभालने के बाद गुरमीत सिंह ने डेरा के साथ लगते गांव बेगू व नेजिया में करीब 756 एकड़ जमीन खरीद ली। सस्ते दामों पर खरीदी जमीन की कीमत 1435 करोड़ रुपए है। खास बात यह है कि बहुत से जमींदारों से यह जमीन सस्ते दामों पर ली गई और इस तरह के हालात पैदा किए गए कि 50 से अधिक जमींदारों को अपनी जमीन बेचने के लिए विवश होना पड़ा। रोचक बात यह है कि डेरा के करीब 60 से अधिक साधुओं के नाम से जमीन खरीदी गई। बाद में जब डेरा प्रमुख को जमीन के खिसकने का भय सताने लगा तो डेरा के तीन खास लोगों को पॉवर ऑफ अटॉर्नी देकर साधुओं के नाम खरीदी करीब 612 एकड़ जमीन को एक साल के भीतर ही डेरा के नाम दान करवा दिया। इस समय सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के नाम करीब 953 एकड़ जमीन है। 

1359 करोड़ रुपए है जमीन की कीमत 
राजस्व विभाग ने कोर्ट के फैसले के बाद इस जमीन का मूल्य 1435 करोड़ तय किया है। अकेले सिरसा तहसील में ही डेरा के पास 766 एकड़ जमीन है, जिसकी कीमत 1359 करोड़ रुपए है। यह जमीन बेगू व नेजिया के इलाके की है और अब यह पूरा इलाका विकसित इलाका है। यानी यहां डेरा की एक एकड़ जमीन की कीमत पौने 2 करोड़ रुपए से अधिक है। डेरा ने जमीन खरीदने का यह पूरा खेल 1996 से 2000 तक खेला। दरअसल डेरा प्रमुख राम रहीम ने 23 सितम्बर 1990 को गद्दी संभालने के बाद डेरा को आध्यात्मिकता के साथ कारोबार में भी धकेल दिया। सबसे पहले उन्होंने डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय को शिफ्ट किया। पहले मुख्यालय बेगू गांव के पास था, जो डेरा प्रमुख 1993 में गांव नेजिया के पास ले गए। कारोबार बढ़ा तो वे जमीन खरीदने लगे। आसपास के गांव के जमींदार जमीन बेचने पर विवश हो गए। डेरा के पूर्व साधु गुरदास सिंह बताते हैं ‘जब सत्संग व भंडारा होता हजारों डेरा प्रेमी इकट्ठा होते। 

सत्संग व भंडारे से करते थे परेशान
जमींदारों की फसल खराब कर देते। खेतों में शौच करते। ऐसे में परिस्थितियां ऐसी बना दी जाती कि उन्हें डेरा को जमीन बेचनी पड़ी, वो भी सस्ते दाम पर।’ यही कारण रहा कि डेरा ने अकेले बेगू गांव में ही 612 एकड़ जमीन खरीद ली। नेजिया में करीब 144 एकड़ जमीन खरीदी। अब कुल जमीन 953 एकड़ हो गई।