डेरा के दुकानदारों ने भी बाबा की करेंसी से करी तौबा, अब इससे खेलते हैं बच्चे

10/6/2017 12:25:42 AM

सिरसा: एक वक्त था जब हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा की अपनी करेंसी भारतीय मुद्रा के बराबर चलती थी लेकिन आज स्थिति यह है कि उन करेंसी से बच्चे खेलते हैं। डेरा सच्चा सौदा द्वारा स्वंय निर्मित करेंसी हालांकि कानून लिहाज से गैर कानूनी थी मगर राम रहिम के साम्राज्य के सामने सब कानून बौने थे। पंजाब एंव हरियाणा उच्च न्यायाल द्वारा डेरा की संपति और काले एवं सफेद धन की जांच प्रवत्र्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपने के साथ ही डेरा की यह प्लास्टिक करेंसी बेमतलब हो गई है। 


गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा ने अपने स्तर पर प्लास्टिक के दस रुपए से एक रुपए तक के सिक्के तैयार किए थे। इन सिक्कों का चलन डेरा सच्चा सौदा के प्रॉडेक्ट के देशभर में बने व्यापार केद्रों पर आम होता था। इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा में बने बाजसार, सिनेमा हॉल और स्कूलों में तो इसका चलन आम बात थी। डेरा में बने विभिन्न प्रतिष्ठानों पर दुकानदार अपने सामानों की खरीद-बिक्री इन्ही करेंसी के आधार पर करते थे। इन प्रतिष्ठानों पर डेरा प्रबंधन ने अपने स्तर पर कैश काऊंटर स्थापित किए थे। कोई सामान परचेज करने से पहले इन कांऊटर से प्लास्टिक के बने ये सिक्के लेने पड़ते थे। खरीददारी को बची रकम भी इन्हीं सिक्कों के द्वारा लौटाई जाती थी। डेरा ने अपने बड़े साम्राज्य के चलते इन सिक्कों को इजाद किया। 


हालांकि भारतीय मुद्रा के सामान्तर कोई अन्य करेंसी चलानी कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है मगर कभी भी आयकर या फिर सेल्स टैक्स विभाग ने इस ओर आंख उठाकर भी नहीं देखा। अब जबकि डेरा की आर्थिक स्थिति को जांचने को ईडी को सौंप दिया गया है तो डेरा ने अपनी इस प्लास्टिक करेंसी को ठिकाने लगाना आरम्भ कर दिया है। डेरा सच्चा सौदा की इस करेंसी की स्थिति यह है कि अब घरों मेें बच्चे खेलते हैं। डेरा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से खुल रही दुकानों के मालिक भी इनको लेने से कतराने लगे हैं।