स्व. देवीलाल ने की दुष्यंत की मदद, इन मानदंडों पर खारिज हुई पद के खिलाफ दायर याचिका

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 07:38 PM (IST)

चंडीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा में भाजपा जजपा गठबंधन की सरकार में दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद उनके इस पद के खिलाफ दायर याचिका को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। रोचक यह है कि याचिका खारिज होने के मानदंड भी दुष्यंत चौटाला के परदादा उपप्रधानमंत्री स्व. देवीलाल चौटाला की 29 साल पहले देश के उप-प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति के मामले से मिलते जुलते हैं। इस प्रकार स्व. देवीलाल ने की दुष्यंत चौटाला की मदद की है।

दरअसल, दुष्यंत की डिप्टी सीएम के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज करते हुए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने केएम शर्मा बनाम देवी लाल मामले में पारित एससी के एक फैसले पर भरोसा किया, जिसमें शीर्ष अदालत ने देवी लाल की नियुक्ति को डिप्टी पीएम के रूप में बरकरार रखा था।



दुष्यंत के खिलाफ दायर याचिका के दावे
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पद के खिलाफ याचिका हाईकोर्ट के वकील जगमोहन सिंह भट्टी की तरफ से दाखिल की गई। इस याचिका में कहा गया कि संविधान में उपमुख्यमंत्री पद का प्रावधान ही नहीं है। ऐसे में इस पद पर कोई नियुक्ति नहीं की जा सकती। याचिका में कहा गया कि दो राजनीतिक दलों ने आपसी समझ के साथ सरकार बनाते हुए इस पद पर नियुक्ति पर सहमति बना ली, जबकि संविधान में इसका कोई उल्लेख नहीं है। केंद्र या राज्य सरकार ऐसी कोई नियुक्ति नहीं कर सकती। ऐसे में इस पद पर नियुक्ति को खारिज किया जाए और इस पद पर दिए जाने वाले सभी लाभ व भत्ते दिए जाने पर उन्हें रिकवर किया जाए।

देवीलाल के उपप्रधानमंत्री पद को सुप्रीम कोर्ट में किया गया था चैलेंज
तत्कालीन राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण दुष्यंत चौटाला के परदादा देवीलाल को शपथ दिला रहे थे। राष्ट्रपति शपथ दिलाते वक्त मंत्री पद बोले, लेकिन देवीलाल ने उपप्रधानमंत्री पद बोला। इस पर राष्ट्रपति ने दोबारा मंत्री पद बोला, लेकिन देवीलाल फिर दोबारा से उप प्रधानमंत्री ही बोले। शपथ तो हो गई, लेकिन उनका उप प्रधानमंत्री पद पर शपथ लेना सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज हो गया, क्योंकि संविधान में यह पद नहीं है। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उप प्रधानमंत्री भले ही वे बन गए, लेकिन उनके पास वास्तविक अधिकार केंद्रीय मंत्री जैसे रहेंगे।

PunjabKesari, Haryana

उप प्रधानमंत्री के पास नहीं होती प्रधानमंत्री की शक्ति
हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि ताऊ देवीलाल के मामले में जनवरी 1990 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि केवल उप-प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने मात्र से ही किसी के पास प्रधानमंत्री जैसी शक्तियां नहीं हो सकती हैं। वास्तविक तौर पर वह एक केंद्रीय मंत्री ही होता है। ठीक यही सिद्धांत प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पर भी लागू होता है।

PunjabKesari, Haryana

उपमुख्‍यमंत्री का दर्जा कैबिनेट मिनिस्‍टर के बराबर
हरियाणा विधानसभा के रिटायर्ड एडिशन सेक्रेट्री रामनारायण यादव का कहना है कि वैसे तो पद के हिसाब से उप मुख्यमंत्री का दर्जा कैबिनेट मिनिस्टर के बराबर ही होता है। मुख्यमंत्री यदि कहीं बाहर जा रहे हैं तो वे आपातकाल में कैबिनेट की मीटिंग बुलाने या अन्य कोई फैसले लेने के लिए उप मुख्यमंत्री समेत किसी भी सीनियर मंत्री को भी प्रभार देकर जा सकते हैं। उप मुख्यमंत्री के पास अधिकार और सुविधाएं कैबिनेट मिनिस्टर के बराबर ही होती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Shivam

Recommended News

Related News

static