नहीं आया पिता को तरस, प्रेमिका के लिए बच्चों को उतार दिया मौत के घाट

11/22/2017 3:28:13 PM

चंडीगढ़ : कुरुक्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने मासूम भतीजों और भतीजी का कत्ल कर उनके शव को मोरनी जंगलों में फेंक दिया। इस सारी वारदात को उस व्यक्ति ने सिर्फ अपने भाई के कहने पर अंजाम दिया। ये बात पुलिस ने मंगलवार को मामले की पूरी तफ्तीश के बाद बताई। 

3 घंटे में भी जगदीप का मन नहीं बदला 
बच्चों के दादा जीत राम ने बताया कि जगदीप को बच्चों पर थोड़ा भी रहम नहीं आया। 3 घंटे वो बच्चों के साथ रहा और मोरनी लेकर आया, इस दौरान मन थोड़ा भी नहीं बदला कि बच्चों को छोड़ दे। उसका मन बदल जाता तो तीनों बच्चों की जान बच जाती। पूरा परिवार उजड़ गया। 

ऐसे दिया घटना को अंजाम : 
गांव सारसा से रविवार को तीन बच्चों के लापता होने का मामला सामने आया था, जिनका शव मोरनी के जंगली इलाके में मिला।  लापता होने वाले बच्चों में दो भाई और एक बहन है। जिनकी पहचान समीर(11), सिमरन(7) और समर(6) के तौर पर हुई है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक बच्चों के चाचा जगदीप ने शनिवार को वारदात से पहले पूरे इलाके की रेकी की थी। यहां तक की रात को पुलिस पैट्रोलिंग और उनके रुकने की लोकेशन व इलाके में बिठाये जाने वाले समय तक की रेकी की थी। वारदात को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बच्चों के पिता के साथ जगदीप ने पूरी प्लानिंग की थी। तमाम जानकारियां जुटाने के बाद दोनों रविवार को बच्चों को घुमाने का बहना बनाकर यहां लाए और रात को तीनों बच्चों को गोलियों से भून दिया। वहीं पुलिस ने शव मंगलवार सुबह बरामद किए।

शक होने पर खंगाली  सोनू मलिक और जगदीप की कॉल डिटेल
जांच के दौरान शक होने पर पुलिस ने सोनू मलिक और जगदीप की कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन खंगाली। इसके बाद बच्चों की तलाश के बहाने जगदीप को गांव से बाहर ले जाकर सख्ती से पूछताछ की तो पूरे हत्याकांड का खुलासा हो गया। पूछताछ में जगदीप ने कबूल किया कि उसने तीनों बच्चों की हत्या का दी है और ऐसा करने के लिए उनके पिता सोनू मलिक ने कहा था। जगदीप ने बच्चों के शवों की निशानदेही भी कराई और बताया कि मोरनी के जंगलों में बच्चों के शव पड़े हैं। हत्यारोपी जगदीप की निशानदेही पर कुरुक्षेत्र पुलिस ने तीनों के शव मंगलवार को बरामद कर लिए। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने आरोपी पिता सोनू को भी दबोच लिया।

कुछ घंटे में ही उगल दिया पूरा सच
चाचा जगदीप शातिर था, लेकिन पुलिस के आगे कुछ घंटे में ही पूरा सच उगल दिया। जानकारी के अनुसार एक माह से जगदीप बच्चों को अपने साथ ले जाने का ट्रायल कर रहा था। रविवार को कुरुक्षेत्र में गीता जयंती दिखाने के बहाने तीनों बच्चों को साथ ले आया। उसने रास्ते में समीर को पानीपत के लिए रेल टिकट लेने के लिए भेजा। वह पहले ही बच्चों को बता चुका था कि टिकट कैसे खरीदी जाती है। इसके बाद बच्चों को मोरनी के जंगलों में ले आया जहां उनकी हत्या कर डाली।