''बाबा'' तक पहुंच रहा था पुलिस का हर प्लान, वायरलेस से मिल रही थी पल पल की अपडेट

9/2/2017 3:40:22 PM

पंचकूला: बलात्कारी बाबा राम रहीम के आए दिन नए-नए राज सामने आ रहे हैं। एक ऐसा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पंचकूला में दंगा भड़कने से पहले अौर बाद में पुलिस जो भी प्लान करती थी उसकी पूरी जानकारी राम रहीम की सुरक्षा में तैनात कमांडों को मिल रही थी। गुरमीत की जैमर गाड़ी में वायरलेस हैंडसेट मौजूद थे। पुलिस तीन सिग्नलों पर बात करके आपस में जो भी प्लान कर रही थी, वो मैसेज बाहर इन कमांडोज तक पहुंच रहे थे। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने सात कमांडोंज को गिरफ्तार किया। पूछताछ में जिन्होंने ये खुलासा किया है। जैमर गाड़ी से मिले वायरलेस सेट हरियाणा पुलिस के हैं। अब इस पर आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

पंचकूला में बनाई गई 7 एसआईटी
पंचकूला में 7 एसआईटी बनाई गई है। इसमें क्राइम ब्रांच के साथ-साथ सभी एसीपी और डीसीपी की एसआईटी बनाई गई है। सीआईए, एसीपी मुकेश मल्होत्रा, एसीपी ओमप्रकाश, एसीपी मनीष सहगल, एसीपी अजय राणा को अलग-अलग एसआईटी का इंचार्ज बनाया गया है। पुलिस कमिश्नर हर एसआईटी इंचार्ज को अकेले बुलाकर निर्देश दे रहे हैं। इसकी रिपोर्ट एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर और डीजीपी संधू को दी जा रही है। पुलिस ने अब तक करीब 100 मामले दर्ज किए हैं। उन सभी के आईओ मौके पर जाकर नक्शे बनवा रहे हैं।

सुरेंद्र धीमान ने खोले कई राज
एसआईटी के सामने पूछताछ में सुरेंद्र धीमान इंसा ने बताया है कि बाबा के सबसे करीबियों में हनीप्रीत का नाम है। हनीप्रीत का नाम लेकर कुछ भी बोला जाए वो आदेश ही होता था। उस बात को वेरिफाई करने की इजाजत किसी को नहीं थी। हनीप्रीत पर कोई पाबंदी नहीं होती थी, वो कहीं भी आ-जा सकती थी। धीमान ने कबूला है कि जब से बाबा के केस में तेजी आई, तब से उसकी ड्यूटी पंचकूला में कोर्ट के आसपास लगाई गई थी। एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया गया था, जहां सारी बातें शेयर की जा रही थीं, चाहे किसी की रेकी करवानी हो या फिर कोई और प्लान।

25 अगस्त को हुए दंगे के बाद पंचकूला में कई गाड़ियां इम्पाउंड की गई थीं। लोगों ने गाड़ियों को छुड़वाने की कवायद शुरू कर दी है। लोग अपने व्हीकल्स के डॉक्यूमेंट दिखाकर और फाइन भरकर गाड़ी छुड़वा रहे हैं।