हरियाणा की बेटी अनीता कुंडू ने रचा इतिहास, तेनजिंग नोर्गे नेशनल अवार्ड के लिए चयनित

punjabkesari.in Tuesday, Aug 25, 2020 - 04:10 PM (IST)

हिसारः अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही एवं हिसार की बेटी अनिता कुंडू  का चयन अबकी बार तेनजिंग नोर्गे नेशनल अवार्ड के लिए किया गया है। विख्यात पर्वतरोही अनिता कुंडू  माउंड एवरेस्ट पर चीन और नेपाल दोनों तरफ के रास्तों से चढाई करने वाली पर्वतारोही हैं वहीं वो अब तक तीन बार माउंड एवरेस्ट फतेह कर चुकी हैं। इसके अलावा सेवन समिट अभियान के तहत अभी तक दुनिया की पांच अन्य ऊंची चोटियों को भी फतेह कर चुकी हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस पर उन्हें बधाई दी है।
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पर्वतारोहण में इनकी उपलब्धियों को देखते हुए चयन समिति ने इनके नाम का चयन किया था, जिस पर खेल मंत्री किरिन रिजिजू ने अनिता के नाम पर मोहर लगा दी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने ट‍्वीट कर हिसार की बेटी को बधाई देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। यह अर्जुन अवॉर्ड के बराबर का अवॉर्ड है। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में राष्ट्रपति के हाथों ये सम्मान मिलता है। यह सम्मान 29 अगस्त को खेल दिवस के मौके पर दिया जाता है। इसमें सर्टिफिकेट के साथ एक मोवमेंटो दिया जाता है। यह पर्वतारोहण के साहसिक खेल में भारत सरकार की तरफ से दिया जाने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड है।

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फौजी भाइयों  को समर्पित किया पुरस्कार
अनिता ने बताया कि मेरा यह पुरस्कार बहादुरी के श्रेणी में आता है। मैं इसको अपने फौजी (Military) भाइयों के लिए समर्पित करती हूं, जिनकी बदौलत हम सभी सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि मेरी इस कामयाबी में मेरी मां और मेरे ताऊ का बहुत बड़ा योगदान है। मां ने विपरीत परिस्थितियों में भी मुझ पर विश्वास किया, और मेरे ताऊ ने हमेशा पढ़ने और खेलने के लिए प्रोत्साहन दिया। अनिता ने बताया कि मेरा एक ही सपना है कि हर बेटी पढ़े और खेले, अपने मां-बाप और देश प्रदेश का नाम रोशन करें। उल्लेखनीय है कि अनिता कुंडू के सभी अभियानों पर करोड़ों रुपये खर्च आता है। यह सभी राज्यसभा सांसद आरके सिंन्हा की कम्पनी एसआईएस उठाती है। सिन्हा ने अनिता को अपनी बेटी के रूप में अडॉप्ट किया हुआ है।
 
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ये है अनिता कुंडू की उपलब्धियां

  • 2009 में पर्वतारोहण के बेसिक, एडवांस के साथ सभी कोर्स पास किए। सतोपंथ, कोकस्टेट आदि हिदुस्तान की अनेकों चोटियों को फतेह किया
  • 18 मई 2013 को नेपाल के रास्ते माउंट एवरेस्ट फतेह किया।
  • 2015 में चीन के रास्ते एवेरेस्ट फतेह करने का प्रयास, 22500 फीट पे पहुंचने पर भूकंप ने कदमों को रोका, इस त्रासदी में अनिता ने अपने अनेक पर्वतारोही साथी खोए, अभियान कैंसल हुआ।

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  • 2017 में फिर चीन के रास्ते से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई, 60 दिन के कड़े संघर्ष के बाद 21 मई 2017 को एवरेस्ट फतेह किया।
  • नेपाल और चीन दोनों ही रास्तों से माउंट एवरेस्ट को फतेह करने वाली हिंदुस्तान की इकलौती बेटी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 
  • 2018 में पूरी दुनियां के सातों महाद्वीपों की चढ़ाई शुरू की। एशिया की माउंट एवरेस्ट, अफ्रीका की किलिमंजारो, यूरोप की एलबुर्स, अंटार्कटिका की विनसन मासिफ, दक्षिणी अमेरिका की अकांकागुवा, आॅस्ट्रेलिया की कारस्टेन्स पिरामिड शिखर फतेह। उतरी अमेरिका की देनाली के शिखर से 100 मीटर दूर ही बफीर्ले तूफान का सामना किया।
  • 27 सितम्बर 2019 को माउंट एवरेस्ट के बराबर की ही ऊंचाई की चोटी माउंट मनासलू को फतेह किया।

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Isha

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