पहली ही कोशिश में फतह की एवरेस्ट चोटी, हरियाणा की बेटी ने 5700 मीटर की ऊंचाई पर लहराया तिरंगा

5/30/2017 12:49:44 PM

रेवाड़ी/दिल्ली:रेवाड़ी पुलिस लाइन निवासी आशा झांझड़िया ने माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराते हुए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश लोगों तक पहुंचाने में सफलता हासिल कर हरियाणा का नाम रोशन किया है। एवरेस्ट फतह करने के बाद आज वह अपने घर वापस लौट रही हैं। बता दें कि आशा ने पहले ही प्रयास में यह उपलब्धि हासिल की है। 8 अप्रैल को उनका एवरेस्ट अभियान शुरू हुआ था। इस दिन माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए दिल्ली से चीन के लिए सफर की शुरुआत की। वह 9 अप्रैल को चीन के ल्हासा से बेस कैम्प के लिए निकली और 16 अप्रैल को टीगरी पहुंची। इसके 2 दिन बाद उस बेस कैम्प पहुंची जो 5700 मीटर की ऊंचाई पर है। उन्होंने 22 मई को सुबह 4:05 बजे एवरेस्ट फतेह कर लिया।

2 बच्चों की मां हैं आशा
आशा के 2 बच्चे हैं। दोनों ही अपनी मां के आने का इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही मां और पुलिस का जवान अपनी पत्नी के घर लौटने पर स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं। आज सवा 4 बजे दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर पहुचेंगी और करीब साढ़े 7 बजे रेवाड़ी पुलिस लाइन अपने घर पहुंचेगी, जहां उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा। 

1998 में हरियाणा पुलिस के जवान से हुई थी शादी
39 वर्षीय आशा झांझड़िया राजस्थान के झुंझुनू जिले की रहने वाली ही है। उनकी शादी 1998 में हरियाणा पुलिस के जवान अजय से हुई थी। आशा मां होने के साथ ही स्टाफ नर्स भी हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पति अजय को दिया।

बधाइयां देने वालों का घर पर लगा तांता: पति अजय  
आशा के पति अजय ताखर ने कहा कि लोगों के आशीर्वाद, प्रार्थना और समर्थन के कारण ही आशा इस मुकाम को छू पाई। आशा की एवरेस्ट पर तिरंगे के साथ ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का झंडा फहराने की इच्छा पूरी हो गई। एवरेस्ट फतह की सूचना मिलते ही घरड़ाना खुर्द सहित पूरे जिले मेें खुशी का माहौल छा गया। आशा के घरवालों को बधाइयां देने वालों का तांता लग गया।