डेरा सच्चा सौदा सिनेमा का ‘सच’, सरकारी ‘कृपा’ से फिल्में थीं टैक्स फ्री

9/10/2017 7:53:38 PM

सिरसा (अरुण भारद्वाज):डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के डेरे को खंगाला जा रहा है। 2 दिन से यहां सर्च ऑप्रेशन चल रहा है। एक के बाद एक हो रहे खुलासों की कड़ी में यह भी तथ्य सामने आया है कि डेरा सच्चा सौदा का सियासत पर खासा दबदबा था। यही कारण था कि गुरमीत सिंह ने केवल एक फिल्म पर टैक्स अदा किया बाकी फिल्मों पर सरकार की कृपा हो गई और उन्हें टैक्स फ्री कर दिया गया। 

इस बात की पुष्टि मनोरंजन टैक्स विभाग के ई.टी.ओ. सुरेंद्र गोदारा भी करते हैं। गोदारा ने बताया कि लाइसैंस डी.एम. ऑफिस से 6 माह के लिए दिया था और इसके बाद की कार्रवाई भी उसी विभाग ने करनी थी, लेकिन डेरा की ओर से पहली फिल्म पर उनके विभाग को जरूर टैक्स दिया गया, लेकिन बाद में सरकार ने हर फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया व विभाग को इस बारे में अवगत करवा दिया, इसलिए वे आगामी कार्रवाई नहीं कर सकते थे।

गुरमीत सिंह के दरबार में जहां प्रदेश सरकार के मंत्री झुकते नजर आते थे, वहीं समूची सरकार भी इसे राहत देती नजर आई। डेरा सच्चा सौदा में बने सिनेमा हाल से होने वाली कमाई सीधे गुरमीत के खजाने में जाती थी, चूंकि सरकार ने सभी फिल्मों को ही टैक्स फ्री किया था। इसके अलावा जिस सिनेमा हॉल को डेरे में तैयार किया, उसकी बुनियाद भी नियमों की किसी किताब से मेल नहीं खाती, लेकिन डेरा के ‘दबाव’ को देखते हुए प्रशासन ने करीब अढ़ाई साल पहले महज 6 माह की अवधि के लिए टैम्परेरी लाइसैंस जारी किया था। अब इस लाइसैंस का स्टेटस क्या है? कोई बताने को तैयार नहीं, लेकिन मनोरंजन विभाग खुद को इसलिए दूर कर रहा है कि सरकार के ‘ऐलान’ के कारण ही वह कुछ नहीं कर सकते। 

इसलिए बना माही सिनेमा
राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत का हर फिल्म में अहम किरदार था। उसी का प्लान था कि डेरा सच्चा सौदा में एक पी.वी.आर. का निर्माण करवाया जाए। हुआ भी ऐसा ही। गुरमीत का सियासत में खूब दखल था तो मंजूरी के लिए कोई दिक्कत नहीं आई। हालांकि सिनेमा हॉल के निर्माण के लिए बहुत-सी औपचारिकताओं से गुजरना पड़ता है, लेकिन यहां स्थिति कुछ और थी। सरकार साथ थी तो हर औपरचारिकता भी नियमों से परे ही थी।

इनका नहीं है जवाब
भले ही लाइसैंस की अवधि निश्चित समय की थी, लेकिन इसके बाद इस अवधि को बढ़ाया गया या दोबारा जांच की या नहीं? ये ऐसे सवाल हैं जिसके बारे में फिलहाल कोई बताने को तैयार नहीं है। यही नहीं, सूत्रों के अनुसार अपने काले धन को सफेद बनाने के लिए इन फिल्मों की आड़ ली गई और इससे भी डेरा के खजाने में अच्छी-खासी बढ़ौतरी हुई। सूत्रों के अनुसार डेरा सच्चा सौदा अपने इन मंसूबों को पूरा करने के लिए फिल्मों की टिकटें भी अपने स्तर पर ही बुकिंग की जाती थी।