यमुना उफान पर, हरियाणा आैर दिल्‍ली में बाढ़ का खतरा

7/13/2017 11:42:41 AM

खिजराबाद(रघुबीर):उत्तराखंड-हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश से यमुना में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। हथनीकुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर दिन में 1.38 लाख क्यूसिक पर पहुंच गया था। बता दें कि 80 हजार क्यूसिक के बाद अलर्ट घोषित कर दिया जाता है। वहीं, देर शाम जलस्तर घटकर 95 हजार क्यूसिक पर पहुंच गया। बुधवार को यमुनानगर में 115 एम.एम. बारिश दर्ज की गई। बाढ़ के कारण बैराज से निकलने वाली यू.पी. व हरियाणा की नहरों की जलापूर्ति रोक दी गई है। खिजराबाद के पास नैशनल हाईवे-73ए पर 3-4 फुट तक पानी जमा हो गया है। वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है और मार्कीट में भी कई दुकानों में बाढ़ का पानी घुस गया है। यमुनानदी के कैचमैंट एरिया त्यूनी, यशवंत नगर, हरिपुर, जाटान बैराज, डाक पत्थर, नौगांव आदि स्थानों पर गत सुबह शुरू हुई मूसलाधार बारिश से यमुना नदी का जलस्तर मानसून सीजन के अधिकतम बिंदु पर पहुंच गया है। 

बाढ़ के कारण हथनीकुंड बैराज के गेट खोलकर पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है जोकि  72 घंटे तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। हथनीकुंड स्थित केंद्रीय जल आयोग के कंट्रोल रूम से हर घंटे बाढ़ की ताजा स्थिति की जानकारी दी जा रही है। इससे हरियाणा और दिल्‍ली के लिए बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इस खतरे को देखते हुए बैराज से निकलने वाली उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा आैर दिल्‍ली की नहरों की जलापूर्ति रोक दी गई है।

अभी और बढ़ेगा जलस्तर
सिंचाई विभाग के जे.ई. जीतराम ने बताया कि गत दोपहर से बाढ़ का दबाव बढ़ रहा है। 3 बजे जलबहाव 76,073 क्यूसिक पर पहुंच गया तो 4 बजे तक बाढ़ का जलस्तर 1.38 लाख क्यूसिक को पार कर गया। जे.ई. के अनुसार बाढ़ का स्तर और बढ़ने की आशंका है। बाढ़ के कारण हाइडल परियोजना भूड़कलां के चारों पावर हाऊस नैनावाली, भूड़कलां, बेगमपुर व ताजेवाला में बिजली उत्पादन ठप्प हो गया है। उक्त परियोजना में 64.4 मैगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की 8 इकाइयां स्थापित की गई हैं।

बरसाती नदियां उफनी
10 घंटे से जारी बारिश के कारण शिवालिक की पहाड़ियों से निकलने वाली बरसाती नदियों नागल ड्रेन, चिकन्न नदी, सोम, उर्जनी आदि में उफान आ रहा है। चिकन्न नदी की बाढ़ का रुख गांव बनियोंवाला की तरफ हो गया है। बनियोंवाला निवासी दीपक बंसल, मोहित, अंकित, राजीव, रत्न, गौरव, इकबाल व साजिद आदि ने बताया कि गांव शहजाद वाला के सामने नदी किनारे लगाए गए बैड बार नहीं लगाए तो गांव में भारी नुक्सान होने की संभावना है।