लिव इन रिलेशन में रह रही लड़कियों के हक में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

7/2/2017 12:57:00 PM

चंडीगढ़:पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रह रही लड़कियों अौर महिलाअों के हक में बड़ा फैसला लिया। कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कि लिव इन रिलेशन में रहने वाली महिला पार्टनर से गुजारा राशि पाने की हकदार है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस रिश्ते से पैदा हुई संतान को भी विवाहित दंपति की संतान की भांति गुजारे भत्ते का हकदार माना है। दरअसल एक मामला गुरुग्राम निवासी एक लिव इन जोड़े से जुड़ा हुआ है। यह कपल 2007 से लिव इन में रहा है और 2011 में बच्चे ने जन्म लिया।

महिला के आरोप के अनुसार पुरुष ने उसे बताया था कि वह तलाकशुदा है और याची से शादी करना चाहता है। महिला ने इस वायदे के बाद तलाक ले लिया। बाद में याची को पता चला कि पुरुष ने तलाक नहीं लिया था। इसके बाद जब अलग रहने का फैसला लिया गया तो महिला ने गुरुग्राम की फैमिली कोर्ट में शिकायत दी। कोर्ट ने दोनों बच्चों के लिए 10-10 हजार और महिला के लिए 20 हजार रुपए गुजारा राशि तय की। पुरुष ने फैमिली कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। उसने कहा कि महिला को पता था वह शादीशुदा है। साथ ही महिला ने बड़ी राशि लेकर तलाक लिया है। इसलिए गुजारा राशि का फैसला खारिज किया जाए। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में लिव इन के मामले में गुजारे भत्ते को सही माना। हालांकि फैमिली कोर्ट को कहा कि महिला को तलाक के बदले अगर बड़ी राशि मिली है तो व फैमिली कोर्ट गुजारा भत्ता की राशि को कम कर सकती है।

जस्टिस जयश्री ठाकुर ने कहा कि लिव इन रिलेशन मौजूदा समय में असाधारण बात नहीं रही। समाज में बदलाव आ रहा है। आज के समय में लिव इन रिश्ते स्वीकारे जा रहे हैं। ऐसे में गुजारा भत्ते की हकदार लिव इन में रहने वाली महिला और उसके बच्चे भी हो सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तलाक के बाद शादी न करने वाली महिला गुजारा राशि पाने की हकदार है तो लिव इन में रहने वाली महिला को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।