राम रहीम के चेले का खुलासा, फरारी के दौरान हनीप्रीत को मिला पंजाब पुलिस का संरक्षण

10/27/2017 11:54:34 AM

पंचकूला(उमंग श्योराण): डेरा प्रमुख राम रहीम अौर हनीप्रीत के जेल जाने के बाद उनको लेकर आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं हरियाणा पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि हनीप्रीत को सुरक्षित स्थानों पर रखवाने में पंजाब पुलिस ने सहयोग किया। इस बात का खुलासा पंजाब के मुक्तसर जिले के गांव खंडेवाला निवासी गुरमीत सिंह ने किया है। पुलिस ने गुरमीत सिंह को बुधवार देर रात गिरफ्तार किया था। गुरमीत सिंह को वीरवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई। उल्लेखनीय कि हनीप्रीत ने भी पुलिस के समक्ष माना था कि वह अंतिम दो दिनों मुक्तसर खंडेवाला स्थित गुरमीत सिंह के घर पर रुकी थी।

पुलिस पूछताछ में हुए अहम खुलासे
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरमीत सिंह ने पूछताछ में हनीप्रीत के ठिकानों के बारे में जानकारी दी है। गुरमीत ने बताया कि हनीप्रीत रोहतक की सुनारिया जेल के बाद सिरसा डेरा सच्चा सौदा चली गई थी। वहां वह दो दिन रुकी थी और इसके बाद वह राजस्थान के श्रीगंगानगर स्थित गुरुसर मोडिया के डेरे में चली गई। पंचकूला पुलिस द्वारा उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिए जाने के कारण वह सच्‍चा सौदा से गई थी। गुरमीत सिंह ने बताया कि राजस्थान पुलिस भी डेरा प्रमुख के पैतृक निवास स्थान में जाने से डरती थी। जिस दिन पंचकूला पुलिस ने गुरुसर मोडिया में छापा मारना था, उस दौरान राजस्थान पुलिस हरियाणा को सहयोग करने को तैयार नहीं हो रही थी। जब हरियाणा पुलिस ने कह दिया कि वह खुद ही वहां जाकर रेड कर देंगे तो राजस्थान पुलिस सहयोग को तैयार हुई थी।

11 दिनों तक गुरुसर मोडिया में रुकी थी हनीप्रीत
गुरमीत का कहना है कि एसीपी मुकेश मल्होत्रा की अगुवाई वाली एसआइटी ने गुरुसर मोडिया में रेड की थी, लेकिन इससे पहले ही हनीप्रीत वहां से फरार हो गई थी। हनीप्रीत लगभग 11 दिनों तक गुरुसर मोडिया में रुकी। गुरुसर मोडिया के बाद हनीप्रीत पंजाब के बठिंडा के गांव जंगीराणा में सुखदीप कौर से मिली, जहां उसे शरणदीप के घर पर रखा गया था।

गुरमीत ने अपने घर में दी थी हनीप्रीत को पनाह
हनीप्रीत की सेवा शरणदीप कौर का बेटा गुरमीत सिंह कर रहा था। यहां पर हनीप्रीत लगभग 12 दिन रुकी। इसके बाद हनीप्रीत अपनी अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली में एक एडवोकेट से संपर्क करने गई थी। दिल्ली में वह एक दिन रुकी। दिल्ली से वापस आने के बाद वह मुक्तसर के खांडेवाला निवासी गुरमीत सिंह के घर चली गई। वह 12 दिन तक खांडेवाला में रुकी। इसके बाद यहां से सीधा वह चंडीगढ़ आई, जहां पर पंजाब पुलिस के कुछ अधिकारियों ने हनीप्रीत का इंटरव्यू एक निजी चैनल के साथ तय किया। इंटरव्यू होने के बाद हनीप्रीत निकल गई थी, लेकिन इंटरव्यू टेलीकास्ट होने के बाद पंचकूला पुलिस ने उसे जीरकपुर में पटियाला रोड से गिरफ्तार कर लिया था।

डेरा के निजी सुरक्षा अमले का सदस्य है गुरमीत
फरारी के दौरान हनीप्रीत को पनाह देने वाला गुरमीत डेरा के निजी सुरक्षा अमले का सदस्य है, जिसे डेरे की भाषा में सेवा सम्मति कहा जाता है। वह गत लगभग पांच वर्षों से सेवा समिति के सदस्य के रूप में कार्य कर रहा था। इस समिति में 21 सदस्यों की टीम होती हैं जिनमें से सात सदस्य एक समय डेरा मुखी के साथ मौजूद रहते हैं। इस समिति के सदस्य तीन टीमों में कार्य करते हैं। गुरमीत सिंह के चाचे ताए की आलीशान एक जैसी तीन कोठियां गांव के बाहर बार ढाणी में बनी हुई हैं लेकिन अब इन कोठियों में सन्नाटा छाया हुआ है। गुरमीत सिंह का पिता रूप सिंह, ताया लक्ष्मण का परिवार गत चालीस वर्षों से डेरा सिरसा से जुड़ा हुआ है।