बेकसूर है तो पेश होकर जांच में शामिल हो हनीप्रीत:DGP

9/23/2017 9:16:44 AM

सिरसा (संजय अरोड़ा):28 दिन बाद भी पुलिस के लिए हनीप्रीत एक पहेली है। यह पहली खुफिया एजैंसियों व पुलिस के लिए सिरदर्द बनी है। हनीप्रीत को तलाशने के लिए एजैंसियां सिरसा से नेपाल तक की सड़कें नाप चुकी हैं। वीरवार को हनीप्रीत की तलाश में श्रीगंगानगर स्थित गुरमीत के पैतृक गांव गुरुसर मोडिया में दबिश दी गई। यहां से भी पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। वहीं, डी.जी.पी. बी.एस. संधू का कहना है कि अगर हनीप्रीत बेकसूर है तो उसे पुलिस से छिपने या भागने की जरूरत नहीं। वह पुलिस जांच में शामिल होकर सहयोग कर सकती है।

आलम यह है कि चाहे बात इंटरनैट की हो, व्हाट्सएप्प की हो, गांव की चौपाल की हो या महानगर के मॉल की हो, नाई की दुकान हो या फिर खेत-खलिहान हो हर जगह पर हनीप्रीत ही चर्चा में है। सिरसा में स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम बनाई गई है। यह टीम जांच में शामिल जिस भी शख्स को पूछताछ के लिए बुलाती है, पहला सवाल होता है हनीप्रीत कहां है?  दूसरा सवाल होता है हनीप्रीत से उनकी फोन पर कब बात हुई? इन्वैस्टीगेशन टीम ने विपासना व डा. पी.आर. नैन को भी बुलाया और पूछताछ का फोकस हनीप्रीत ही रहा। रोचक बात यह भी है कि पिछले 10 दिन में सोशल मीडिया पर हनीप्रीत नाम ने गुरमीत सिंह को भी पीछे छोड़ दिया है।

24 अगस्त तक एक्टिव था मोबाइल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हनीप्रीत के व्हाट्सएप्प डिटेल देखने से पता चलता है कि उसका मोबाइल 24 अगस्त की रात 2 बजकर 25 मिनट तक एक्टिव था। इसके अलावा आदित्य इन्सां व पवन इन्सां की भी पुलिस को तलाश है। दोनों ही डेरा प्रवक्ता हैं। पवन इन्सां का मोबाइल 25 अगस्त की शाम 7 बजकर 20 मिनट तक, जबकि आदित्य इन्सां का मोबाइल 27 अगस्त को शाम 7 बजकर 56 मिनट तक एक्टिव था।

रोहतक जेल में भी हनीप्रीत की ही चर्चा
जेल महानिदेशक के.पी. सिंह ने भी ऐसी जानकारी दी है कि जेल मैन्यूल के अनुसार जेल में सजायाफ्ता कैदी को 2 लोगों से मोबाइल पर बात करने की इजाजत है। डेरा चीफ ने 2 मोबाइल नम्बर दिए हैं, जिनमें एक हनीप्रीत का नम्बर है। जो नॉट रिचेबल है। दूसरा नम्बर दिया है खुद का है जो डेरा में ही है।

यह है पूरा मामला
25 अगस्त को रात को हनीप्रीत रोहतक की सुनारिया जेल से एक गाड़ी पर रवाना हुई। आखिरी बार उसे 25 अगस्त की रात को रोहतक के ही डेरा अनुयायी संजय चावला के घर देखा गया। तभी से वह लापता है। पुलिस ने जिस हनीप्रीत को निकलने दिया, वही हनीप्रीत परेशानी का सबब बनी है। मीडिया में हनीप्रीत के नेपाल होने की भी खूब चर्चा रही, मगर पुलिस महानिदेशक बी.एस. संधू यह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि हनीप्रीत नेपाल में नहीं है। 1 सितम्बर को हनीप्रीत के बारे में पुलिस ने लुकआऊट नोटिस जारी किया। फिर भी हनीप्रीत हाथ नहीं लगी। 18 सितम्बर को हरियाणा पुलिस ने 43 लोगों की वांटेड सूची जारी की, जिसमें हनीप्रीत टॉप पर थी।