लाखों में एक हरियाणा का ये छोरा, ICRB परीक्षा पास कर बना इसरो में वैज्ञानिक

4/24/2017 8:58:20 PM

झज्जर (प्रवीण धनखड़):कौन कहता है कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में प्रतिभा नहीं होती। प्रतिभा किसी भी परिचय की मोहताज नहीं है। इस बात को चरितार्थ किया है झज्जर जिले के गांव छारा निवासी सुधीर दलाल ने। सुधीर ने अपनी लगन व मेहनत के बलबूते इसरो में वैज्ञानिक के रूप में अपने कदम बढ़ाए है। सुधीर ने इसरो द्वारा संचालित आईसीआरबी 2016 परीक्षा को उर्तीण कर इलैक्ट्रोनिक्स में वैज्ञानिक पद पर चयन हासिल किया है। सुधीर की इस उपल्बिध पर ग्रामीणों ने गांव के ग्रामीण स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में सुधीर व उसके माता-पिता का स्वागत किया। 

सुधीर के पिता एक ट्रक ड्राईवर है वही सुधीर की माता जी एक गृहणी है। ग्रामीण आंचल से निकली इस प्रतिभा को सब बधाई दे रहे है। सुधीर के माता पिता सुधीर की इस उपल्बिध पर बेहद खुश है। उनका कहना है कि सुधीर शुरू से ही पढाई में काफी इन्टेलिजेंट था। अब उनका बेटा इस मुकाम पर पहुंचा है ये उनके लिए गर्व की बात है।

सुधीर ने 12वी की कक्षा 95 प्रतिशत अंक के साथ पास की थी। वही बीटेक की परिक्षा 83 प्रतिशत अंक लेकर पास की थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित आईसीआरबी परीक्षा को उर्तीण कर सुधीर ने अपना सपना साकार किया। उतरी भारत में केवल सुधीर ने ही ये मुकाम हासिल किया। 

वही सुधीर के गुरू सतेंन्द्र सिंह का कहना है कि सुधीर स्कूल में शुरू से टॉपर रहा है। मेरा मनना है कि हर ग्रामीण आंचल के बच्चों में प्रतिभा होती है लेकिन उसको निखारना और सवारना बेहद जरूरी है। ग्रामीण आंचल के बच्चों में प्रतिभा होती है ये सुधीर ने साबित कर एक मिशाल दी है। 

वही सुधीर का कहना है वो इसका श्रेय अपने गुरू व अपने माता-पिता को देते है। एक मध्यम परिवार के होने के बाद भी परिजनों ने उन्हें इतनी सुविधा दी। जिसके कारण वो आज इस मुकाम पर पहुंचा है। वही सुधीर का कहना है कि लोगों की सोच ये है कि किसान के बेटा किसान मजदूर का बेटा मजदूर ही बनेगा ये सोच गलत है और इसकी जीता जागता उदाहरण मैं हूं। ये जरूरी नहीं है कि किसान का बेटा किसान बने अगर मेहनत और लगन से कोई काम किया जाए तो ये सोच बदली जा सकती है।