WWE रेसलर कविता दलाल को मिलेगा फर्स्ट लेडीज अवॉर्ड

1/8/2018 1:33:17 PM

चंडीगढ़(ब्यूरो): पिछले दिनों अमेरिका के प्लोरिडा में WWE प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली मालवी की रेसलर कविता दलाल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 20 जनवरी को फर्स्ट लेडीज का अवॉर्ड देकर सम्मानित करेंगे। इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली के अशोका होटल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में रविवार को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वरा कविता को निमंत्रण भेजा गया है। कविता के भाई संजय दलाल ने बताया कि इस निमंत्रण से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। 

पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी है कविता
कविता दलाल जींद के मालवी गांव की रहने वाली है। किसान परिवार में जन्मी और पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी कविता ने सीनियर सेकंडरी स्कूल से 12 तक पढ़ी हैं। इसके बाद 2004 उन्होंने लखनऊ में अपनी रेस्लिंग की ट्रेनिंग शुरू की। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने पढ़ाई भी जारी रखी और साल 2005 में बीए की पढ़ाई पूरी कर ली। पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद 2008 में कविता ने बतौर कॉन्स्टेबल एसएसबी में नौकरी ज्वाइन की। नौकरी लगने के बाद साल 2009 में उसकी शादी हो गई। गौरव भी एसएसबी में कॉन्स्टेबल हैं और वॉलीबॉल के खिलाड़ी हैं।

चार साल के लिए लगा था बैन
पटियाला स्पोर्ट्स सेंटर में तैयारी के दौरान वह जापान एक प्रतियोगिता में शामिल होने जा रही थी। उसी दौरान उन्हें एक दवाई खिला दी गई और बाद में डोप टेस्ट में फंसाकर चार साल के लिए बैन लगवा दिया गया। बैन लगने के बाद वह दुगनी ताकत से खेल में लौटी। कड़ी मेहनत की और फिर कई प्रतियोगिताओं में मेडल जीते लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ। उन्हें नौकरी के लिए बहुत दर-दर घूमना पड़ा। एक दफा सीएम से मिलने पहुंची। उनकी बात सुनी गई लेकिन नौकरी में उम्र आड़े आ गई। उनके मेडल देखकर भी उम्र को दरकिनार नहीं किया गया। अंत में वह बहुत परेशान हो गई। 

सलवार सूट में रेसलर को चित कर प्रसिद्ध हुई कविता
इसके बाद ग्रेट खली ने उन्हें रेसलिंग के लिए न्यौता दिया। कविता ने एक साल तक जालंधर रहकर ट्रेनिंग ली। जालंधर स्थित खली की एकेडमी में नेशनल रेसलर बुलबुल को ठेठ ग्रामीण सूट पहनकर चित कर दिया और रातोंरात फेमस हो गई। इसके बाद उसने डब्लूडब्लूई में ट्रायल दिया। ट्रॉयल में सिलेक्ट होने के बाद उसका कॉन्ट्रैक्ट हुआ। कविता का कहना है कि वेट लिफ्टिंग में पैसा न मिलने और सरकार द्वारा प्रोत्साहन न करने के बाद ही डब्लूडब्लूई में जाने का निर्णय लिया।

सूट पहनकर करती हैं फाइट
सूट पहनकर फाइट करने के पीछे कविता अपना मकसद बताती हैं, वह समाज में लड़कियों को यह संदेश देना चाहती हैं कि लड़कियां जरूरी नहीं ऐसे रेसलिंग काॅस्टयूम डालकर ही फाइट कर सकती हैं। गांव देहात की लड़कियां भी सूट पहनकर फाइट कर सकती हैं।

पहली महिला रेसलर ने कभी चुराए थे रुपए
भले ही कविता को WWE में जाने वाली पहली भारतीय महिला के तौर पर जाना जाता हो लेकिन उनके परिवार को गरीबी में गुजारा करना पड़ा था। कविता ने बताया था कि होस्टल के दिनों में घर से गुजारे जितने पैसे भी नहीं मिलते थे। एक बार उन्होंने टूथपेस्ट के लिए मंदिर ने 15 रुपए चुराए थे। कविता को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके परिवार का पूरा सहयोग रहा। होस्टल की फीस और उसकी ट्रेनिंग के लिए परिवार दूध और घी बेचकर पैसे जमा करता था।