राम रहीम ने उजाड़ा था करवाचौथ पर महिला का सुहाग, अब बेटे ने कही बड़ी बात

8/28/2017 4:02:35 PM

सिरसाः डेरा प्रमुख राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पूर्व पत्रकार स्वर्गीय राम चंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। 

अंशुल ने कहा कि, "करवाचौथ के दिन मेरी मां कुलवंत कौर के सुहाग को उजाड़ने वालों के उजड़ने का वक्त अब आ गया है। साध्वी यौन शोषण में फैसला देने वाले जज को सलाम करता हूं। अंशुल ने डेरा समर्थकों द्वारा पंचकूला अौर हरियाणा में किए उपद्रव के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार समय पर निर्णय लेती तो इस प्रकार के हालात नहीं होने थे।"

इसके साथ ही उनको अपने पिता के केस में जल्द इंसाफ आने की उम्मीद है। 15 साल से पिता की हत्या की पीड़ा सह रहा है अंशुल  ने कहा कि वह समय अब नजदीक आ रहा है। सीबीआई कोर्ट में 16 सितंबर से रणजीत सिंह और पत्रकार रामचंद्र हत्याकांड की सुनवाई होगी। अंशुल ने बताया कि उनके पिता ने वर्ष 2000 में पूरा सच नामक पत्र शुरू किया था। इसी दौरान मई 2002 में एक गुमनाम पत्र पत्र को उनके पिता ने अपने अखबार में छापा था जिसके बाद उस समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने इसकी जांच सी.बी.आई. को सौंपी थी। जिसके बाद अंशुल के पिता की 24 अक्तूबर 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

गोली लगने के बाद छत्रपति ने लगभग महीने भर अस्पताल में ज़िंदगी और मौत की जंग लड़ी और 21 नवंबर 2002 को उनकी मृत्यु हो गई। इस दौरान पुलिस ने किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की। अंशुल ने बताया कि अस्पताल में भर्ती उनके पिता ने पुलिस को अपने बयान में आरोपी के बतौर डेरा प्रमुख का नाम दर्ज करने के लिए कहा लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। उसके बाद अंशुल ने न्याय की लड़ाई शुरू की। उल्लेखनीय है कि इस मामले का अंशुस छत्रपति ही इकलौते गवाह है।