लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून का निधन, 1984 में 'ऑपरेशन मेघदूत' की थी अगुवाई, पढ़िए

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2020 - 07:35 PM (IST)

पंचकूला (उमंग): 1984 में हुए 'ऑपरेशन मेघदूत' की अगुवाई करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून का निधन हो गया है। सोमवार शाम को 91 वर्ष की उम्र में चंडीगढ़ में पीएन हून का निधन हुआ। पीएन हून के नेतृत्व में भारतीय सेना ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी सियाचिन पर तिरंगा फहराया था। पीएन हून का जन्म पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था, लेकिन बंटवारे के समय उनका परिवार भारत आ गया। 1987 में वे पश्चिमी कमान के प्रमुख के रूप में रिटायर हुए थे, इसके बाद 2013 में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी। 



इलाज के दौरान हुई मौत
लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून का पिछले दो दिनों से पंचकूला के कमांड अस्पताल में इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने 6 जनवरी शाम 5.30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया। 1984 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में पीएन हून ने अहम रोल निभाया था। 

क्या है ऑपरेशन मेघदूत
PunjabKesari, Haryana

13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया। खास बात ये थी कि बर्फ में पहने जाने वाले कपड़े और साजो सामान सेना के पास 12 अप्रैल की रात को ही पहुंचे थे। दुनिया के सबसे ऊंचे मैदान-ए-जंग में सीधे टकराव की यह एक तरह से पहली घटना थी। इसे ऑपरेशन मेघदूत नाम दिया गया और इसने भारत की सामरिक रणनीतिक जीत की नींव रखी।

सियाचिन की भौगोलिक बनावट ऐसी है कि भारत की तरफ से सियाचिन की खड़ी चढ़ाई है और इसीलिए ऑपरेशन मेघदूत को काफी मुश्किल माना गया था. जबकि पाकिस्तान की तरफ से ये ऊंचाई काफी कम है। उसके बावजूद भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को मात दी। 



दुनियाभर की जो सफल लड़ाइयां हुई हैं उनमें ऑपरेशन मेघदूत का नाम भी आता है। ये अपनी तरह का एक अलग ही युद्ध था जिसमें भारतीय सैनिकों ने माइनस 60 से माइनस 70 डिग्री के तापमान में सबसे ऊंची पहाडिय़ों पर जाकर फतह हासिल की थी। पाकिस्तान के लिए ये हार काफी शर्मनाक थी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Shivam

Recommended News

Related News

static