मिग-29 उड़ाने वाली पहली सिविलियन बनी हरियाणा की बेटी मेघा, लिम्का बुक में नाम दर्ज (VIDEO)

punjabkesari.in Monday, Mar 26, 2018 - 03:54 PM (IST)

फरीदाबाद(देवेंद्र कौशिक): फरीदाबाद की मेघा जैन पहली ऐसी सिविलियन भारतीय महिला बनी है जिन्होंने रुस में फाइटर विमान मिग-29 को साढ़े 18 हजार मीटर की उंचाई पर 1850 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ाया है। खतरों से खेलने के शौक रखने वाली मात्र 29 साल की मेघा जैन का यह कारनामा पिछले दिनों जारी लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स-2018 में दर्ज हो गया है। ये रिकार्ड उस वक्त बना जब मेघा जैन पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट होने के नाते अपने कुछ काम के सिलसिले में रुस गई और एक स्कीम के तहत उन्हें सिविलियन फाइटर विमान मिग-29 को उडाने का मौका मिला। ऐसा खतरा इससे पहले वह अमेरिका में 15 हजार फीट पर स्काई ड्राइविंग कर ले चुकी हैं। 
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पत्रकार बनने का था सपना लेकिन बनीं सीए
मेघा का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के कोसीकलां क्षेत्र में हुआ। वह दिल्ली में पढ़ी-लिखी अौर वहीं उनकी पढ़ाई भी हुई। जिसके बाद उनकी शादी फरीदाबाद में हुई। पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट मेघा जैन का सपना तो खोजी पत्रकार बनने का था पर भाग्य ने उसे सीए बना दिया। मेघा जैन को स्कूली समय से रोमांचकारी खेलों व साहसिक गतिविधियों में भी भाग लेने की रुचि थी पर उसने कभी सपने में भी यह नहीं सोचा था कि वो फाइटर विमान मिग-29 में बैठ उसे उड़ाती हुई दूर गगन की ऊंचाइयों पर ले जाएगी। 
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लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स-2018 में दर्ज हुआ नाम
अपने कॅरियर के सिलसिले में मेघा जैन रूस गई, तो उसे फाइटर विमान मिग-29 को साढ़े 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर 1850 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरने का मौका मिला। इन पलों ने उनका नाम पिछले दिनों जारी लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स-2018 में दर्ज कर दिया। एक बड़ी उपलब्धि मेघा जैन के नाम अंकित हो गई।
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मेघा को है एडवेंचर्स खेलों का शौक
खतरों से खेलने वाले शौक रखने वाली मात्र 29 साल की मेघा जैन की माने तो उन्हें एडवेंचर्स खेलों का शौक बचपन से रहा है। अपनी कंपनी की गतिविधियों के तहत उनको शादी के बाद गत वर्ष 2017 में रूस जाने का मौका मिला, वहां भ्रमण के दौरान एयरबेस पर गई। फाइटर मिग-29 देख कर उन्होंने संबंधित अधिकारियों से यूं ही मजाक में कह दिया कि क्या वह विमान में बैठ सकती है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि न सिर्फ बैठ सकती हैं, बल्कि आप चाहें, तो उड़ा भी सकती हैं। उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि विमान उड़ाने की बात हो रही है। एयरबेस के अधिकारियों ने बताया कि सिविलियन स्कीम के तहत विमान उड़ाया जा सकता है। इसके बाद एयरबेस की तरफ से मेडिकल चैकअप करवाया गया। जिसमें कई प्रकार के टैस्ट भी किए गए जिनमें उन्हें फिट पाया गया।
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विमान में बैठ सकते हैं दो पायलट
फाइटर विमान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि विमान में दो पायलट बैठ सकते हैं, जिसका कंट्रोल मुख्य पायलट के हाथ में होता है। दूसरे केबिन में को-पायलट होता है, जिसकी जगह वह खुद बैठी थी। विमान को टेक ऑफ करने के बाद आसमान में चौथी सतह पर ले गए। यह 18400 मीटर ऊंचाई पर था, लगभग 6 लाख फीट पर, जिसकी गति 1850 किलोमीटर प्रति घंटा थी। करीब एक घंटे का सफर करने के बाद बाद उन्हें प्रमाण पत्र भी मिला और पिछले दिनों मेघा जैन का नाम लिम्का बुक आफ रिकार्डस में दर्ज हुआ।

नारी सिर्फ चूल्हे-चौके तक ही सीमित नहीं: मेघा
मेघा जैन ने बताया कि इस खतरानाक ड्राईव के बारे में उन्होंने परिवार के किसी भी सदस्य को कुछ भी नहीं बताया, अगर बताती तो वह यह सब नहीं कर पाती और न ही घर वाले करने देते। यह उनके जीवन की बड़ी उपलब्धि है। आज नारी सिर्फ चूल्हे-चौके तक ही सीमित नहीं है। नारी अपनी इच्छा शक्ति व बुलंद हौसलों के साथ हर वो काम कर सकती है और कर रही है, जो वह चाहती है। नारी अंदर की आवाज सुने और फिर उसे पूरा करने में जुट जाए। अगर कुछ नहीं करोगे, नहीं सोचोगे, तो यहीं रह जाओगे। 
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बहू की उपलब्धि से ससुराल में है खुशी का माहौल
मेघा जैन की सासू मां सुशील जैन की माने तो उन्हें बिल्कुल भी नहीं पता था कि उनकी बहू इतना बड़ा खतरा ले रही है। उन्हें इसके बारे में घर आने के बाद पता लगा तो सभी परिवार के सदस्य हैरत में पड़ गए। उन्होंने बताया कि डर था कि अगर कुछ हो जाता तो क्या होता, मगर अब खुशी है कि उनकी बहू ने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मेघा जैन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बहू दफ्तर के साथ-साथ परिवारिक जिम्मेदारियां भी निभाती है। मेघा जैन उनके घर की बहू ही नहीं एक बेटी भी है।


 


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