OMG! मां दुर्गा सहित कृष्ण भगवान को प्रशासन का नोटिस, कार्रवाई की चेतावनी

2/15/2017 5:36:33 PM

फतेहाबाद (रमेश भट्ट):फतेहाबाद में विभिन्न देवताओं को उनके निवास स्थान (मंदिरों) का प्रोपर्टी टैक्स भरने के लिए नगरपरिषद ने एक नोटिस जारी किया है। आश्चर्यजनक बात ये भी है कि प्रॉपर्टी टैक्स भरने के लिए जो नोटिस बिल भेजे गए हैं, वे देवी-देवताओं के नाम और उनके निवास स्थान (मंदिर) के नाम से ही जारी किए गए हैं। नगरपरिषद के इस कारनामे की चर्चा पूरे शहर में चल रही है और हर कोई व्यक्ति यह सुनकर हैरान है कि आखिर भगवान से भी प्रॉपर्टी टैक्स सरकार वसूल करेगी।
खास बात ये भी है कि प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के नोटिस बिलराशि हजारों में न होकर लाखों रुपए में हैं। शहर के संन्यास आश्रम मंदिर को 2 लाख 77 हजार रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स बिल भेजा गया है। वहीं दुर्गा माता को उनके मंदिर के लिए 1 लाख, 10 हजार रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स भरने का नोटिस भेजा गया है। इसके अलावा शहर के बाबा रामदेव जी को उनके मंदिर के लिए करीब 14 हजार 466 रुपए का बिल भेजा गया है। इतना ही नहीं, नगरपरिषद ने तो बकायदा शमशान भूमि सभा से भी प्रॉपर्टी टैक्स की डिमांड करते हुए बिल भिजवाया है। 

78 सालों में पहली बार आया एेसा नोटिस
मिली जानकारी के अनुसार मंदिर कमेटी के प्रधान अशोक नारंग के मुताबिक संन्यास आश्रम मंदिर की स्थापना 78 साल पहले हुई थी और आज तक किसी भी सरकार के रहते हुए मंदिर को टैक्स भरने का नोटिस नहीं आया। यह पहली बार हो रहा है कि इस तरह से टैक्स भरने का नोटिस मिला है और वो भी करीब 3 लाख रुपए तक का। वहीं दूसरी तरफ इन नोटिसों से विभिन्न मंदिरों के प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी हैरान-परेशान हैं, क्योंकि आज तक कभी मंदिरों का प्रॉपर्टी टैक्स नहीं मांगा गया था, लेकिन इस बार ऐसा हुआ है और मंदिरों से हजारों रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स लंबित दिखाया गया है।

नोटिस प्राप्त होने वाले मंदिरों की कमेटियों के प्रधानों ने उक्त मामले को लेकर नगर परिषद चेयरमैन दर्शन नागपाल से बातचीत की और उन्हें पत्र सौंपकर टैक्स माफ किए जाने का आग्रह किया है। मामला मीडिया में आने के बाद नगर परिषद चेयरमैन दर्शन नागपाल ने सफाई देते हुए कहा कि धार्मिक जगहों के प्रॉपर्टी टैक्स के लिए सर्वे एक कंपनी की ओर से किया गया है जोकि पिछली सरकार में हुआ था। हमारे संज्ञान में सामने आया है कि कंपनी की ओर से बिल भेजे गए और हमने बिल बंटवा दिए, लेकिन धार्मिक जगहों के लिए जारी हुए बिलों की जांच और उचित निवारण के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर हम सी.एम. साहब से अनुरोध करेंगे कि उक्त बिलों को लेकर राहत दी जाए। सरकार की ओर से किसी से भी नाजायज वसूली नहीं की जाएगी।