सैफ-करीना के बेटे के नाम पर बवाल, जानिए कौन था तैमूर?

12/23/2016 4:53:20 PM

पानीपत: इन दिनों सोशल मीडिया पर सैफ अली खान और करीना कपूर के बेटे के नाम को लेकर घमासान मचा हुअा है। लोग सैफ- करीना के बेटे के नाम को लेकर भला-बुरा कह रहे हैं। दरअसल करीना ने 20 दिसंबर को बेटे को जन्म दिया था जिसका नाम तैमूर रखा गया। इस बात पर बहस छिड़ गई कि करीन और सैफ ने अपने बेटे का नाम सम्राट तैमूर पर क्यों रखा। अाखिर कौन था तैमूर? और तैमूर के नाम से सोशल मीडिया पर क्यों हो रहा घमासान। अाइए हम अापको बताते है तैमूर का इतिहास।

तैमूर बरलस के तुर्क खानदान में पैदा हुआ था। उसका पिता तुरगाई बरलस तुर्कों का नेता था। भारत में मुगल राज्य का संस्थापक बाबर तैमूरलंग का ही वंशज था। तैमूर ने बचपन से ही छोटी-मोटी चोरियां करनी शुरु कर दी थी। जल्द ही वह लूट का इतना बड़ा नाम बन गया कि अाज भी इसके मुकाबले का कोई नाम नहीं।

कैसे भारत पहुंचा तैमूर
तैमूर ने इस्लाम को बढ़ाने के लिए पश्चिम एशिया से लेकर मध्य एशिया होते हुए भारत तक खूब लूटपाट और नरसंहार किया था। उसके शासन काल में भारत के लोगों पर इतने अत्याचार हुए कि अाप भी जानेंगे तो अापकी रूह तक कांप जाएगी। तैमूर लंगड़ा था लेकिन उसमें क्रूरता कूट-कूटकर भरी थी।
 
तैमूर के सलाहकार अमीर और लड़ाकू सरदार भारत पर हमला नहीं करना चाहते थे। फिर तैमूर ने इस्लाम धर्म के प्रचार को बढ़ावा देने के नाम पर भारत में मूर्तिपूजा को खत्म करना अपना कर्तव्य घोषित किया तो उसके साथी भारत पर हमला करने के लिए तैयार हो गए। 1398 को अप्रैल माह में वह बड़ी सेना लेकर समरकंद से भारत के लिए रवाना हुअा। उसने सितंबर तक सिंधु, झेलम और रावी नदी को पार कर लिया था।


हरियाणा में भी फैलाया था तैमूर ने अातंक
तैमूर जब हरियाणा पहुंचा तो उसने अपनी सेना को आदेश दिया कि जो भी मिल जाए, कत्ल कर दिया जाए। उसके बाद उसकी सेना ने जो उनके सामने अाया उसे मार कर अागे बढ़ती गई।

जब तैमूर की सेना पानीपत पहुंची तो सुल्तान महमूद ने उसका सामना किया। इस लड़ाई में सुल्तान ने 40,000 पैदल और 10,000 अश्वारोही और 120 हाथियों की एक सेना लेकर तैमूर का मुकाबला किया। इस मुकाबले में सुल्तान महमूद की बुरी तरह पराजय हुई। पानीपत की विजय के बाद तैमूर ने दिल्ली में प्रवेश किया। यहां उसकी सेना ने मात्र कुछ घंटों में 2 लाख से अधिक लोगों को कत्ल कर दिया।

दिल्ली से बेशुमार दौलत लूटने के बाद तैमूर वापिस समरकंद लौट गया। इसके साथ ही वह बंदी बनाई गई औरतों को भी अपने साथ ले गया। तैमूर का इरादा सिर्फ भारत में कत्लयाम कर लूटपाट करने का ही था। इसलिए वह 15 दिन दिल्ली में आतंक मचाने के बाद अपने देश वापिस लौट गया। तैमूर के इस नरसंहार को भारत के लोग कभी नहीं भूल सकते।