सुकमा हमले में हरियाणा का एक अौर बेटा शहीद, साल बाद होना था रिटायर

4/25/2017 12:21:44 PM

इंद्री(मेनपाल):छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सोमवार को नक्सलवादियों के हमले में करनाल जिले के गांव खेड़ी मानसिंह का जवान राममेहर भी शहीद हो गए। वे सी.आर.पी.एफ. की 74वीं बटालियन में हवलदार थे।

उनके पिता का नाम पूर्ण सिंह बताया जा रहा है। वह 6 भाई हैं और उनमें से दो सेना में थे। राम मेहर की रिटायरमेंट का एक साल बचा हुआ था कि वे देश पर कुर्बान हो गए। जब से शहादत की खबर आई है, घर में कोहराम मच गया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में सोमवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 25 जवान शहीद हो गए, जबकि छह घायल हो गए। हमला करने वाले नक्सलियों की संख्या 300 के करीब बताई जा रही है। नक्सली कई जवानों के हथियार भी लूट ले गए। नक्सलियों द्वारा जवानों पर किया गया यह इस साल सबसे घातक हमला है।

जवानों पर हमला दोपहर 12:25 बजे के करीब दक्षिणी बस्तर क्षेत्र के कालापत्थर इलाके में हुआ। छत्तीसगढ़ का यह इलाका देश का सबसे अधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। यह चिंतागुफा-बुरकापाल-भेजी के काफी करीब है, जिसे नक्सली हिंसा का गढ़ माना जाता है। पूर्व में यहां इस तरह के कई नक्सली हमले हो चुके हैं।

सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हमले में 26 जवान शहीद हुए हैं। अधिकारी ने बताया कि सात-आठ जवान लापता हैं। उनकी तलाश की जा रही है। पूरे इलाके की तलाशी के बाद ही ठोस रूप से कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के जिस दल पर हमला हुआ है उसमें कम से कम 99 जवान शामिल थे।

सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि नक्सली हमला चिंतागुफा थाना क्षेत्र के बुरकापाल में हुआ। पहले 11 जवानों के पार्थिव शरीर मिले और फिर तलाशी अभियान के दौरान 12 और जवानों के पार्थिव शरीर बरामद किए गए। एक जवान ने हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। हमला करने वाले नक्सलियों की संख्या 300 के करीब थी। जवानों की पोजिशन का पता लगाने को ग्रामीण भेजे थे। 

राज्य मंत्री कर्णदेव कम्बोज  ने शहीद राममेहर के घर आकर परिजनों को सांत्वना दी।