अनपढ़ माता-पिता की बेटी बनी कैंसर स्पेशलिस्ट, 5 लोगों को मात देकर हासिल किया मुकाम

7/24/2017 5:49:54 PM

टोहाना(सुशील सिंगला):आज के समय में किसी भी क्षेत्र में बेटियां बेटों से कम नहीं हैं। बेटियां ऐसे मुकाम हासिल कर रहीं हैं जिससे न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश का भी नाम रोशन हो रहा है। बस जरुरत है तो लड़कियों को पढ़ाने लिखाने की। ऐसे ही हरियाणा की बेटी सीमा पुनिया का देश के सुप्रसिद्ध सरकारी मेडीकल कॉलेज में कैंसर रोग विशेषज्ञ टीम में चयन हुआ है। जिसके बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है। 

अनपढ़ माता-पिता की बेटी बनी मेडिकल चिकित्सक
23 वर्षीय सीमा पुनिया के पिता कपूर सिंह खेती का कार्य करते हैं तथा उनकी मां शीला गृहणी है। वे दोनों पढ़ाई-लिखाई में अनपढ़ हैं। लेकिन उनका सपना है कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर उनका नाम रोशन करे। सीमा की एक बहन व एक भाई भी है। 

शुरू से ही थी पड़ाई में अव्वल
सीमा शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थी। डांगरा रोड स्थित स्कूल से उसने मेडीकल संकाय में 94 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिले में प्रथम स्थान पाया था। जिसके लिए उसे जिला उपायुक्त द्वारा सम्मानित भी किया गया था। बाहरवीं के बाद सीमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मरिंडा कॉलेज से बी.एस.सी. फिजिक्स में अॉनर्स किया। सीमा ने पंजाब यूनिवर्सिटी से मेडीकल फिजिक्स में एम.एस.सी. की। जिसके बाद उसने एक वर्ष पी.जी.आई. चंडीगढ में इंटरर्नशिप की है। 

सीमा की मां ने दिया लोगों को संदेश
सीमा की मां शीला देवी ने बताया कि आज के समय में लोग बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं। वे उन्हें संदेश देना चाहते हैं कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं है।  उनकी बेटी ने पूरे प्रदेश में उनका नाम रोशन किया है जिसके बाद से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। 

6 लोगों में से सिर्फ सीमा का हुआ चयन
सीमा पूनिया ने कहा कि उसे बहुत खुशी है कि उसका जोधपुर के कैंसर रोग विशेषज्ञ कॉलेज एस.एन. मेडीकल कॉलेज की ब्रांच में मेडीकल फिजिस्ट के पद पर उसका चयन हुआ है। इससे पूर्व 20 जुलाई को इस पद के लिए साक्षात्कार लिया गया था। जिसमें 6 लोगों ने भाग लिया था,  तीन छात्र मुंबई, दो मथुरा तथा वह हरियाणा से इस इंटरव्यू में शामिल हुए थे । सीमा अकेली एेसी छात्रा थी जिसका चयन किया गया है। जिसके संबध में अस्पताल प्रबंधन कमेटी में डॉ देवेश गुप्ता की ओर से चयन संबधित उन्हें मेल प्राप्त हो गई है। 

कैंसर रोग विशेषज्ञ में काम करेगी सीमा 
सीमा ने बताया कि कैंसर के रोगी के इलाज से पहले एक टीम कार्य करती है, जिसमें तीन पद होते हैं। जिसमें डॉक्टर, मेडीकल फिजिस्ट तय करते हैं कि रोगी को कितनी मात्रा में कब तक रेडियोथरैपी करनी है। मेडीकल फिजिस्ट का कार्य सीमा पुनिया करेगी। सीमा के अनुसार डॉक्टर और मेडीकल फिजिस्ट द्वारा बनाई गई योजना के बाद ही टेक्रीशियन इलाज शुरू करते हैं। उसने बताया कि एक अगस्त से वह इस अस्पताल में ज्वाइन करेगी। उन्हें 57 हजार रुपए सेलरी का पैकेज दिया गया है। सीमा ने कहा कि उसके माता-पिता, स्कूल स्टाफ, परिजनों के आशीर्वाद से वह इस मुकाम तक पंहुची है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ बेटी बेटी पढ़ाओ का नारा देते हैं जिसका लाभ मिला है और बेटियों की संख्या में बढ़ौतरी भी हुई। सीमा ने कहा कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है। 

प्राचार्य रणधीर पूनिया ने कहा कि सीमा शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थी। उन्हें शुरू से ही लगता था कि सीमा आगे चलकर देश का नाम रोशन करेगी। इस दौरान उन्होंने मुबारक देने के बाद सीमा के उज्जवल भविष्य की कामना की।