यहां बीता सोनू निगम का बचपन, पैदा हुआ गाने का शौक तो 19 की उम्र में छोड़ा गांव

4/23/2017 4:46:45 PM

फरीदाबाद:बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम अजान को लेकर अपने ट्वीट्स की वजह से विवादों में घिर रहे हैं। वैसे, यह पहली बार नहीं जब सोनू निगम विवाद में हों। इससे पहले भी अलग-अलग वजहों से सोनू काफी सुर्खियों में रहे हैं। चाहे वो कोई पत्रकार को लेकर हो या फिर म्यूजिक चैनल को लेकर।

फरीदाबाद में जन्मे सोनू 4 साल की उम्र से गा रहे गाने
सोनू निगम का जन्म 30 जुलाई 1973 को हरियाणा के फरीदाबाद में हुआ है। उनके पिता मशहूर सिंगर 'अगम कुमार निगम' हैं। सोनू निगम चार साल की उम्र से गाते आ रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले अपने पिताजी के साथ मंच पर मोहम्मद रफी का गीत 'क्या हुआ तेरा वादा' गाया था। तभी से शादियों और पार्टियों में वे अपने पिताजी के साथ गाने लगे। कुछ और बड़े होने पर वे संगीत प्रतियोगितओं में भाग लेने लगे। 19 वर्ष कि आयु में गायन को अपना व्यवसाय बनाने के लिए वे अपने पिताजी के साथ मुम्बई आ गए। उन्होंने शास्त्रीय गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफ़ा खान से शिक्षा ली। 

सिंगिंग के अलावा फिल्मों में भी की एक्टिंग 
साल 2013 में सोनू निगम को यूएस के बिलबोर्ड अनचार्टेड चार्ट में 2 बार नंबर 1 सिंगर का खिताब मिला था। सिंगिंग के अलावा सोनू निगम ने फिल्मों में एक्टिंग भी की है। 1983 की फिल्म 'बेताब' में सोनू ने चाइल्ड एक्टर की भूमिका निभाई थी। उसके बाद 'लव इन नेपाल', 'जानी दुश्मन- एक अनोखी कहानी' और 'काश आप हमारे होते' फिल्मों में अहम भूमिका निभाई थी। हॉलीवुड फिल्म 'रिओ' और 'अलादीन' के हिन्दी डबिंग में अपनी आवाज भी दी थी। छोटी सी उम्र में सोनू के बेटे 'नेवान निगम' ने भी 'कोलावरी डी' गीत को अपने स्टाइल में गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया था। 

बता दें कि भारत-पाकिस्तान बंटवारा होने के बाद रिफ्यूजी के तौर पर भारत आए सोनू निगम के दादा 'नेशन हट्स' में रहते थे। यहां एक पीपल का वह पेड़ जो आज भी है, जहां सांझा चूल्हे के तौर पर एक तंदूर लगता था और पूरे मोहल्ले की रोटी वहीं पकती थीं। सभी पेड़ के नीचे बैठकर खाया करते थे। बचपन में सोनू ने भी सामूहिक रूप से बैठकर रोटियां खाई हैं। 

फिल्मफेयर पुरस्कार
2013- अग्निपथ का "अभी मुझ में कहीं "
2010- ऑल ईस वेल- ऑल ईस वेल    
2009- "शुक्रं अल्लाह- कुर्बान फिल्म
2008 -"इन लम्हों के " जोधा अकबर
2007    -"मैं अगर कहूं"- ओम शांति ओम
2006- "कभी अलविदा ना कहना"- कभी अलविदा ना कहना
2005- "पीयू बोले"- परिणीता
2005    - "धीरे जलना"-पहेली
2004    - "तुमसे मिलके दिल का"- मैं हूं ना
2004    - "मैं हूं ना"- मैं हू ना
2004-"दो पल"- वीर-जारा
2003-"कल हो ना हो"- कल हो ना हो
2003-"साथिया"- साथिया

स्टार स्क्रीन पुरस्कार
2006-"बावरी पिया की"- बाबुल
2005-"धीरे जलना"- पहेली

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
2004-'"कल हो ना हो"- कल हो ना हो