सुभाष बराला दिल्ली तलब, कभी भी छिन सकती है कुर्सीः सूत्र

punjabkesari.in Sunday, Aug 06, 2017 - 07:47 PM (IST)

चंडीगढ़/दिल्ली:आईएएस अधिकारी की बेटी से छेड़छाड़ और पीछा करने के केस में फंसे हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष के बेटे विकास बराला के मामले में भाजपा की खूब किरकिरी हो रही है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री खट्टर इसे व्यक्तिगत मामला बताते हुए सुभाष बराला को बचाने में जुटे हैं वहीं दूसरी तरफ भाजपा आलाकमान इस पर सख्त रुख इख्तियार करता दिखाई दे रहा है। सूत्रों की मानें तो प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को दिल्ली तलब किया गया है। माना जा रहा है कि मीडिया और विरोधियों के बढ़ते दबाव के बीच अालकमान सुभाष बराला की कुर्सी छीन सकती है। बराला को जल्द ही पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाया जा सकता है। सूत्र और पुलिस दबी जुबान में यही बता रहे हैं कि बड़े राजनीतिक दबाव के कारण ही चंडीगढ़ पुलिस ने धाराओं में बदलाव किया है लेकिन इससे पुलिस का दाव ही उलटा पड़ गया और मीडिया के साथ साथ विपक्ष ने भी पुलिस की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया। 

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इन धाराओं में किया बदलाव
भाजपा के हरियाणा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास पर लगे छेड़छाड़ मामले में पुलिस ने दर्ज धाराओं में बदलाव कर दिया। आईएएस की बेटी से शुक्रवार रात साढे़ 12 बजे छेड़छाड़, पीछा करने और शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में पुलिस ने विकास बराला और उसके साथी को गिरफ्तार किया। 24 घंटे के भीतर पुलिस ने पहले आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया फिर उन पर आपीसी की धारा 341, 365 और 511 के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन अगले कुछ ही पल में पुलिस ने धाराओं में बदलाव भी कर दिया। चंडीगढ़ ईस्ट के डीएसपी सतीश कुमार ने बयान जारी करते हुए धारा 365 और 511 को हटाने की बात कही। 

क्यों हटाई गई धाराएं ?
विकास बराला और उसके साथी पर दर्ज धाराओं में बदलाव करने पर भी डीएसपी सतीश कुमार ने बयान दिया। डीएसपी ने तर्क दिया कि पीड़िता की शिकायत में अपहरण और गलत तरीके से रोकने का जिक्र नहीं है जिसके बाद उनपर दर्ज धाराओं में बदलाव किया गया है। जहां पहले आरोपियों पर गैरजमानती धाराएं लगाई गई थीं वहीं बाद में उन धाराओं में बदलाव करते हुए थाने से ही उन्हें जमानत दे दी गई। 


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