हरियाणा में परिवार नियोजन को लेकर  बदलने लगी है पुरुषों की सोच, पढ़िए खास रिर्पोट

1/8/2020 11:09:58 AM

चंडीगढ़ (अर्चना सेठी): हरियाणा में पुरुषों की सोच बदलने लगी है। राज्य के परिवार कल्याण एवं नियोजन विभाग के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2019-20 में 6.8 प्रतिशत अतिरिक्त पुरुष नसबंदी हेतु आगे आए। नवबंर महीने तक हरियाणा के 43 प्रतिशत पुरुषों ने परिवार नियोजन के अंतर्गत नसबंदी करवाई। 

2019 नवंबर तक प्रदेश के 1,419 पुरुषों जबकि वर्ष 2018 में 1,095 पुरुषों ने नसबंदी को अपनाया हालांकि विभाग ने लक्ष्य 5000 का रखा है जबकि परिवार नियोजन की राह में अग्रणी महिलाएं आज भी उसी स्थान पर खड़ी हैं। प्रदेश की 34,320 महिलाएं नसबंदी करवा चुकी हैं। वर्ष 2018-19 में मार्च महीने तक राज्य की 54,795 महिलाओं ने नसबंदी करवा ली थी। वर्ष 2018-19 में 76.1 प्रतिशत जबकि नवंबर 2019 तक 72.2 प्रतिशत महिलाएं नसबंदी करवा चुकी हैं।



विभाग ने महिलाओं हेतु 72,000 नसबंदी ऑप्रेशन का लक्ष्य रखा है। अधिकारियों का कहना है कि मार्च महीने तक महिलाएं बीते साल के आंकड़े को भी पार कर जाएंगी क्योंकि परिवार नियोजन हेतु कई तरह के जागरुकता कार्यक्रम एवं सलामती प्रोजैक्ट चलाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं नवंबर माह में विभाग द्वारा आयोजित पुरुषों की अब है बारी,परिवार नियोजन में भागीदारी पखवाड़े दौरान 475 पुरुषों ने नसबंदी को अपनाया जबकि बीते साल आयोजित पखवाड़े में सिर्फ 164 पुरुषों ने ही नसबंदी करवाई थी और वर्ष 2017 में 72 पुरुषों ने पखवाड़े दौरान नसबंदी को अपनाया था।पुरुषों को मिलती है महिलाओं से ज्यादा लाभार्थी राशिप्रदेश के पुरुष आज भी घर की महिलाओं को ही नसबंदी करवाने को मजबूर करते हैं।

आंकड़े कहते हैं कि प्रदेश के 43 प्रतिशत पुरुष और 72.2 प्रतिशत महिलाएं नसबंदी करवा रही हैं जबकि विभाग पुरुषों को महिलाओं की तुलना में अधिक लाभार्थी राशि भी देता है। पुरुषों को जहां नसबंदी करवाने पर सरकार 2000 रुपए देती है वहीं महिलाओं को सिर्फ 1400 रुपए ही मिलते हैं। पुरुषों को नसबंदी के प्रति जागरूक करने हेतु खास किस्म की रेडियोजिंगल बनवाई गई थी। 2000 से अधिक मल्टीपर्पस हैल्थ वर्कर्स की नियुक्ति इसी के तहत की गई थी। विभिन्न जिलों के कम्युनिटी हैल्थ सैंटर्स में फैमिली प्लाङ्क्षनग काऊंसिङ्क्षलग कार्नर्स शुरू किए गए हैं। विभिन्न जिलों हेतु 18 टीमों का गठन किया गया। मेवात,पलवल व रेवाड़ी जिलों के 6 ब्लॉक्स में 80 काऊंसलर्स की नियुक्ति की गई। फैमिली प्लाङ्क्षनग एप के जरिए भी लोगों को नियोजन के तरीकों व सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी गई।


60 प्रतिशत को अभी भी जोडऩा है अभियान के साथ
हरियाणा परिवार कल्याण एवं नियोजन विभाग की नोडल अधिकारी डॉ. रूचि का कहना है कि जिन महिलाओं की 20 से कम उम्र में शादी हो जाती है उन्हें जागरूक किया जा रहा है कि वह 20 की उम्र के बाद ही परिवार बढ़ाने का फैसला लें, क्योंकि 20 से कम उम्र की महिला का शरीर एक नए जीवन को जन्म देने हेतु स्वस्थ नहीं होता है। 43 प्रतिशत पुरुषों ने नसबंदी करवाई है तो 50 से 60 प्रतिशत पुरुषों के अभियान से जुडऩे की जरूरत है।

गर्भनिरोध हेतु 3 महीने में एक बार लगवाए जाने वाले अंतरा इंजैक्शन के प्रति भी महिलाओं की रुचि बढ़ रही है। लखनऊ के काङ्क्षलग सैंटर की मदद से इंजैक्शन लगवाने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य पर नजर भी रखी जा रही है और अगले इंजैक्शन हेतु उन्हें तैयार किया जा रहा है। फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत, नारनौल, रेवाड़ी, नंूह, पलवल जैसे जिलों में परिवार नियोजन की सेवाएं बेहतर करने के लिए सलामती एन.जी.ओ. की मदद ली जा रही है।



यमुनानगर, करनाल व कैथल के पुरुष रहे आगे
विभाग के आंकड़ों की मानें तो 2019-20 में नसबंदी करवाने वालों में यमुनानगर,करनाल व कैथल के पुरुष पहले 3 स्थानों पर रहे। यमुनानगर के 241, करनाल के 160, कैथल के 150, रेवाड़ी के 148,कुरुक्षेत्र के 121,महेंद्र्रगढ़ के 114,गुरुग्राम के 81,सोनीपत के 70, अंबाला के 58,पानीपत के 49,हिसार के 45,रोहतक के 30,जींद के 27, झज्जर के 23,फरीदाबाद के 21,भिवानी के 20,पलवल के 18,फतेहाबाद के 18, सिरसा के 15,पंचकूला के 10 पुरुषों ने नसबंदी करवाई।  

Isha