प्रद्युम्न मर्डर केस: ये 10 सवाल साबित करते हैं कि अभी अधूरी है CBI जांच

11/9/2017 12:03:29 PM

गुरुग्राम(ब्यूरो): भले ही सीबीआई ने रेयान इंटरनेशल स्कूल में हुई प्रद्युम्न मर्डर केस के आरोपी को पकड़ लिया है लेकिन उसकी थ्योरी अभी गले नहीं उतर रही है। सीबीआई की थ्योरी पर कई तरह सवाल उठ रहे हैं। प्रद्युम्न मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने खुलासा किया कि प्रद्युम्न की हत्या उसी स्कूल में पढ़ने वाले 11वीं के छात्र ने की है। वह परीक्षा को टालना चाहता था इसलिए उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। सीबीआई का यह भी कहना है कि इस मामले में पकड़े गए ड्राइवर का कोई हाथ नहीं है और न यह यौन शोषण का मामला है। 

उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी और जांच एजेंसी ने 22 सितंबर को इस मामले को अपने हाथों में ले लिया था। वहीं, प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर के वकील सुशील टेकरीवाल का कहना है कि यह अभी शुरुआती जांच है। इसमें कई और लोगों के शामिल होने का अंदेशा है। वहीं सीबीआई के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

 प्रद्युम्न की हत्या पिता वरुण ठाकुर द्वारा स्कूल के गेट के छोड़ने के 15 मिनट बाद सूचना आई। ऐसे में 02-03 मिनट के भीतर हत्या हो गई। आखिर इतना कम समय में मासूम को क्यों मारा गया होगा?

 प्रद्युम्न की हत्या गला रेतकर हुई थी। यदि 11वीं कक्षा के विद्यार्थी ने हत्या की तो उसके यूनिफॉर्म पर दाग क्यों नहीं था।

 सीबीआई का दावा है कि आरोपी विद्यार्थी ने परीक्षा रूकवाने के लिए हत्या की, लेकिन उसके पिता का कहना है कि बच्चे ने परीक्षा दी थी

 11वीं कक्षा के छात्र का प्रद्युम्न से क्या दुश्मनी थी? जबकि दोनों का एक दूसरे से कुछ लेना देना नहीं है।

*  पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चे के गले की एक नस कटने के कारण चीख नहीं निकलने की बात सामने आई थी। क्या 11वीं छात्र किसी पेशेवर अपराधी की तरह इस हत्याकांड को अंजाम दे सकता है?

*  कंडक्टर अशोक ने पुलिस के सामने शुरू में क्यों जुर्म कबूला था, इस पर भी सीबीआई कुछ भी साफ तरीके से नहीं बता पाई है

*  सीसीटीवी फुटेज में बाकी लोग कौन थे, इस पर भी कुछ नहीं बताया गया है। 

*  सीबीआई का कहना है कि विद्यार्थी चाकू लेकर आया था तो पुलिस ने जो चाकू मौका-ए-वारदात से बरामद किया वह किसका था।

सीसीटीवी फुटेज में इस आरोपी छात्र के साथ ही कंडक्टर अशोक और पांच लोग भी देखे गए थे लेकिन अशोक उस समय वहां कैसे और क्यों पहुंचा था, इस पर सीबीआई ने कुछ नहीं कहा है।

जिस टॉयलेट में प्रद्युम्न की हत्या हुई उसकी खिड़की का सरिया टूटा नहीं, बल्कि कटा हुआ है। खिड़की का सरिया जंग लगकर खराब नहीं हुआ है। टॉयलेट की खिड़की का सरिया किसने और क्यों काटा? इसका कोई जवाब नहीं है।