जम्मू के चॉपर हादसे में झज्जर के भदानी गांव का जवान शहीद (VIDEO)

2/27/2019 8:27:44 PM

झज्जर(प्रवीण धनखड़): बुधवार को जम्मू के बडग़ांव में भारतीय वायु सेना के एमआई-7 हेलीकॉप्टर क्रैश में झज्जर के भदानी गांव का बेटा विक्रांत भी शहीद हो गया। शहीद विक्रांत सेना में सार्जेंट के पद पर तैनात था। वहीं विक्रांत की शहादत पर गांव में शोक की लहर दौड पड़ी और पूरा गांव गमगीन हो गया है। विक्रांत के घर में रोना-धोना पड़ा है। विक्रांत की शहादत की खबर परिजनों को फोन पर मिली, जिसके बाद से उनकी माता के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। बता दें कि विक्रांत शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे भी हैं।



विक्रांत की शहादत की सूचना मिलते ही ग्रामीण विक्रांत के घर पर इकट्ठे हो गए विक्रांत की शहादत पर पूरे परिवार और गांव वालों को गर्व है। परिवार और गांव यह चाहता है कि देश के बेटे हर रोज सीमाओं पर शहीद हो रहे हैं, ऐसे में पाकिस्तान से आर पार की लड़ाई कर उसे मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है। कश्मीर से धारा 370 हटा कर कश्मीर का मसला हमेशा के लिए खत्म करने की मांग भी की जा रही है।



विक्रांत के पिता कृष्ण सहरावत ने देश के राजनीतिक दलों से कहा है कि वह रोज रोज के इस मसले को खत्म करने के लिए वह पाकिस्तान से आर पार की लड़ाई करें, ताकि इस देश की माओं की गोद सूनी ना हो और पत्नियों का सुहाग सलामत रहे। उन्होंने कहा कि अगर देश को जरूरत है, तो वह भी सेना में जाकर आर-पार की जंग के लिए तैयार हैं। सार्जेंट विक्रांत की शहादत पर उनके पिता को गर्व है और वे चाहते हैं कि उनका दूसरा बेटा भी सेना में भर्ती हो जाए। ताकि देश के दुश्मनों को सबक सिखाया जा सके।

विक्रांत के चाचा अशोक सहरावत भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनका कहना है कि अब बहुत हो गया आर-पार की जंग से पाकिस्तान को सबक सिखा ही देना चाहिए। उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। उन्होंने कहा कि इस देश के सभी भूतपूर्व सैनिक एक बार फिर से सीमाओं पर जाकर पाकिस्तान को धूल चटाने के लिए तैयार हैं। शहीद विक्रांत की मां को भी अपने बेटे पर गर्व है।



बता दें कि 33 साल के सार्जेंट विक्रांत साल 2005 में भारतीय वायु सेना में भर्ती हुए थे। करीब 7 साल पहले विक्रांत की शादी सुमन से हुई थी। 4 भाई बहनों में विक्रांत अपने पिता की तीसरी संतान है। विक्रांत के पिता खेतीबाड़ी करते हैं। विक्रांत के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। बेटी काव्या 5 साल की है और छोटा बेटा वरदान करीब डेढ़ साल का है। 4 महीने पहले ही विक्रांत की पोस्टिंग कोयंबटूर से श्रीनगर हुई थी। करीब डेढ़ महीने पहले सार्जेंट विक्रांत छुट्टी काटकर श्रीनगर गए थे। शहीद विक्रांत का पार्थिव शरीर कल गांव पहुंचेगा। जहां शहीद को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।

Shivam