''पानीपत'' का विरोध क्यों कर रहे हरियाणा के जाट? मलिक ने सीएम के समक्ष रखी फिल्म बैन की मांग

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 10:03 PM (IST)

रोहतक: इतिहास से जुड़ी फिल्मों में महारत हासिल करने वाले आशुतोष गोवारिकर द्वारा निर्देशित फिल्म 'पानीपत' जो पानीपत के तीसरे युद्ध के प्लॉट पर बनी है, काफी विवादों में घिर चुकी है। फिल्म की बात करें तो इसमें शौर्य, जांबाजी, प्रेम, बलिदान सभी कुछ है। पानीपत का तीसरा युद्ध भी इतिहास में मराठा और मुगल साम्राज्य के लिए बहुत अहम स्थान रखता है। लेकिन इसी प्लॉट पर बनी मूवी 'पानीपत' में ऐसा क्या दिखा दिया गया कि इसका विरोध हरियाणा, राजस्थान में जाट समाज के लोग कर रहे हैं।

दरअसल, जाट समाज का दावा है कि पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठे सदाशिव भाउ के नेतृत्व में अहमदशाह अब्दाली से हार गए थे। मराठों की हार के बाद जो बचे हुए सैनिक महिलाएं व बच्चे थे, उनकी हरियाणा व राजस्थान के जाट समाज ने भरपूर सहायता व घायलों का ईलाज किया था। जबकि पानीपत फिल्म में भरतपुर के महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण दिखाया गया है।

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जाट समाज यूके के सदस्य और अखिल भारतीय जाट महासभा के यूके प्रभारी रोहित अहलावत ने लंदन में फिल्म का विरोध करने का ऐलान किया है। रोहित अहलावत ने लंदन से विडियो संदेश जारी कर जाट सांसदों और खिलाडिय़ों से भी फिल्म का विरोध और बहिष्कार करने की अपील की है। रोहित अहलावत ने संदेश में कहा कि आस्ट्रेलिया, फ्रंास और यूएसए में भी फिल्म का विरोध किया जा रहा है। वहीं शहर में फिल्म के संभावित विरोध को देखते हुये पुलिस बल सक्रिय हो गया। 

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हरियाणा में आरक्षण को लेकर आंदोलन कर चुकी अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं ने भी पानीपत फिल्म पर बैन लगाने की मांग कर दी है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेता यशपाल मलिक ने फिल्म 'पानीपत' के विरोध को लेकर रोहतक में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। यशपाल मलिक ने सी.एम. मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि फिल्म को पूरे प्रदेश में तुरंत बंद करवाया जाए।



मलिक ने कहा कि फिल्म में महाराजा सूरजमल का चरित्र हनन किया गया है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिल्म के निर्देशक के खिलाफ  मामला दर्ज कराएंगे। मंगलवार को जाट समाज प्रदेश के सभी एस.पी. और डी.सी. को ज्ञापन देंगे।

हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि भरतपुर के दूरदर्शी, साहसी एवं समावेशी सोच को आत्मसात करने वाली भारतीयता के प्रतीक महाराजा सूरजमल को लेकर पानीपत फिल्म में जो गलत चित्रण किया गया है, उसकी जितनी भत्र्सना की जाए कम है। भारतीय इतिहास के युग पुरुषों में महाराजा सूरजमल का नाम आदर भाव से लिया जाता है। ऐसे महान व्यक्तित्व की छवि को धूमिल किया जाना निदंनीय है।



फरीदाबाद में जाट नेता अवतार सारण का कहना है कि राजा किसी भी बिरादरी से हो, पहले पूरे इतिहास को जानकारी लेकर ही फिल्म निर्माताओं को फिल्म बनानी चाहिए ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जाए। उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल की छवि को गलत ढंग से पेश किया गया है। इससे पहले भी फिल्म निर्माता महारानी पद्मावती की गलत छवि दिखा चुके हैं। सरकार को फिल्म निर्माताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसी फिल्मों को रोकना चाहिए।


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Shivam

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